
अगर आप भी अपने बैंक खाता से चेक (Bank Cheque) का इस्तेमाल व्यापार या किसी को पैसे देने में करते है तो ये खबर भी आपको जरूर पड़नी चाहिए. आपको बता दे कि केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) ने चेक बाउंस (Cheque Bouncing) मामले में सख्त से सख्त कदम उठाने की मांग की है. साथ ही कुछ सुझाव भी पेश किये गए हैं. अब इस मामले में उद्योग मंडल का ये कहना हैं कि चेक बाउंस मामले में चेक इश्यू करने वाले की बैंक से निकासी को कुछ दिन के लिए सस्पेंड कर दिया जाएगा।
अब 90 दिन में सुलझेगा PHDCCI केस : पीएचडीसीसीआई (PHDCCI) का ये कहना है कि केंद्र सरकार को ऐसा कानून लागु करना चाहिए, जिसके तहत चेक का भुगतान नहीं होने की तारीख से 90 दिन के अंदर दोनों पक्षों के बीच-बचाव के जरिये मामले को भी सुलझाया जाएगा।
आपको बता दें कि केन्द्रीय वित्तीय सेवा विभाग के सचिव संजय मल्होत्रा को पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) ने एक पत्र भी लिखा है. इस पत्र में उद्योग ने चेक बाउंस होने के मुद्दे को गंभीरता से उठाया है. महासचिव सौरभ सान्याल का कहना है कि भारत सरकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कारोबार सुगमता पर ध्यान दे रही है इसलिए चेक के बाउंस होने से संबंधित मुद्दों पर विचार करना बहुत जरुरी है साथ ही यह खरीदार और विक्रेता के बीच अविश्वास पैदा करता है.
सुझाव के तौर पर वित्त मंत्रालय से उद्योग मंडल ने ये कहा है जो भी बैंक को चेक जारीकर्ता के खाते से कोई भी अन्य भुगतान को करने से पहले ही अगर संभव हो तो बैंकिंग प्रणाली के अंदर बाउंस किए चेक का भुगतान करना जरुरी है और उन्होंने ये कहा कि सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्योग (MSME) के लिए चेक बाउंस का मुकदमा बहुत महंगा है क्योंकि इसके लिए वकील बहुत मोटी फीस वसूल करते है आप को बता दें की करीब 33 लाख से अधिक चेक बाउंस के मामले कोर्ट में लंबित चल रहे हैं.
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