
वैसे आमतौर पर सिगरेट (Cigarette) के पीने के बाद, उसके जिस हिस्से को फेंक दिया जाता है लेकिन उसका इस्तेमाल कर एक कंपनी बच्चों के लिए खिलौने बना रही है। सिगरेट के बड का इस्तेमाल सॉफ्ट टॉय (Soft Toy) बनाने में किया जा रहा है।
कूड़ेदान में पाए जाने वाले सिगरेट के बड को भालू व बंदर जैसे चमकीले सॉफ्ट टॉय में भरा जा रहा है और जो चीज सड़कों पर कूड़ा बनकर बिखरी रहती है, अब वही बच्चों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के काम आ रही है। सिगरेट बड कई लोगों के रोजगार का जरिया भी बना है।
अब सिगरेट के बड से बन रहे हैं खिलौने
रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, सिगरेट के बड को रिसायकल कर उसका फिर से इस्तेमाल करने का आइडिया व्यवसायी नमन गुप्ता के दिमाग की उपज है। और सिगरेट के बड को शहर के अलग-अलग हिस्सों से इकट्ठा किया जाता है लेकिन इसके बाद उसे साफ करके ब्लीच किया जाता है लेकिन अब रिसायकल करके इसका इस्तेमाल सॉफ्ट टॉय बनाने में किया जा रहा है।
अब रोज एक हजार किलो सिगरेट बड की रीसाइक्लिंग
नमन गुप्ता ने रायटर्स के साथ बातचीत के दौरान बताया कि हमने 10 ग्राम (प्रति दिन फाइबर के) के साथ शुरुआत की लेकिन अब हम 1,000 किलोग्राम सिगरेट बड को रिसायकल कर रहे हैं और सालान हम लाखों सिगरेट के बड को रिसायकल करने में सक्षम हैं। नमन गुप्ता की कंपनी में काम कर रहे कर्मचारी सिगरेट के बड की बाहरी परत व तंबाकू को अलग करते हैं और फिर उन्हें रिसायकल करके कागज व खाद पाउडर में तब्दील कर दिया जाता है।
क्या आपको पता है भारत की बड़ी आबादी करती है तंबाकू का सेवन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि करीब 267 मिलियन लोग भारत में तंबाकू का सेवन करते हैं. यह भारत की वयस्क आबादी का 30 फीसदी है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, भारत में हर वर्ष तंबाकू के सेवन से करीब 1.35 मिलियन लोगों की मौत होती है.
पर्यावरण को साफ करने में मदद
नमन गुप्ता की फैक्ट्री में काम करने वाली पूनम का कहना हैं कि यहां काम करने से हमें पर्यावरण को भी साफ रखने में मदद मिलती है और अक्सर लोग सिगरेट पीकर उसके बड को सड़कों पर फेंक दिया करते हैं लेकिन इससे गंदगी जमा हो जाती है। 28 वर्षीय नमन गुप्ता का कहना हैं कि जब मैंने अपने शहर नोएडा में सिगरेट के बड्स जमा होते देखा, तो मुझे उत्सुकता हुई और इसने मुझे कई उत्पादों जैसे खिलौने, सजावट के सामान व रिसायकल कर बहुत कुछ विकसित करने के लिए मुझे प्रेरित किया
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