
वर्तमान सरकार नया विधेयक लाने की तैयारी में है, इस विधेयक के तहत जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन किया जायेगा। इस विधेयक में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण को मतदाता सूची से जोड़ने की योजना है। इस नए नियम के आने के बाद मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के विभिन्न कार्यालयों के चक्कर काटने से राहत मिलेगी।
The new census will be accurate and will bridge planning and development agencies so that the development reaches even the most marginalized section. pic.twitter.com/UJ1kABlveq
— Amit Shah (@AmitShah) May 22, 2023
जनगणना भवन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा है कि जनगणना विकास के एजेंडे का आधार बन सकती है। इसलिए डिजिटल, पूर्ण और सटीक जनगणना के बहुआयामी लाभ होंगे। जन्म और मृत्यु के आकड़ों को संरक्षित कर विकास की समुचित योजना बनाई जा सकती है।
उन्होंने स्पष्ट तौर पर यह कहा कि सरकार जन्म और मृत्यु को मतदाता सूची से जोड़ने के लिए संसद में एक विधेयक लाएगी, जिसके अनुसार जन्म के 18 वर्ष होते ही मतदाता सूची में उसका नाम जुड़ जायेगा और किसी की मृत्यु होने पर उसकी सुचना निर्वाचन आयोग के पास जाते ही उसका नाम मतदाता सूची से हट जायेगा।
A Census survey draws the map of future progress.
To ensure the accuracy of the census data the Modi government is using advanced technologies like the sample registration system, and mobile applications integrated with geofencing. pic.twitter.com/fSaCc7jW1t
— Amit Shah (@AmitShah) May 22, 2023
ध्यातव्य है कि भारत में हर एक 10 वर्ष के पश्चात जनगणना होती है। पिछली बार 2011 में जनगणना हुई थी। इसके अनुसार 2021 में जनगणना होनी चाहिए थी लेकिन कोरोना के कारण देरी हुई। सरकार की मंशा जनगणना प्रक्रिया को अधिक उन्नत,विश्वसनीय और सरल बनाना है। उन्होंने कहा कि अगली जनगणना इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में करवाई जाएगी, जिसमें स्व-गणना का भी विकल्प होगा।
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