देश

विवादित विज्ञापनों पर सरकार ने कसा शिकंजा, अब ऐसे प्रचार नहीं कर पाएंगी कंपनियां

विज्ञापन का मकसद दर्शकों को लुभाना होता है ताकि लोग दिखाए जा रहे उत्पाद को खरीदे। विज्ञापन सच्चाई की सीमा से बाहर निकलकर खोखले वादे और दावें

विज्ञापन का मकसद दर्शकों को लुभाना होता है ताकि लोग दिखाए जा रहे उत्पाद को खरीदे। लेकिन जब विज्ञापन में सच्चाई की सीमा से बाहर निकलकर वह खोखले वादे और दावों की परत ओढ़ ली जाती है।

इसी के साथ आम जनता को गुमराह किया जाता है। लेकिन अब सरकार ने ऐसें विज्ञापनों को रोकने का मन बना लिया है। पहले भी कई ऐसें मामलें सामने आए थे जिसमें काफी विवाद खड़ा हुआ था।

इस बार सरकार ने इन भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए है। इनमें छोटे बच्चों को लुभाने वाले विज्ञापन भी शामिल है।

जा हां सरकार की नई गाइडलाइंस में कहा गया है कि विज्ञापन जारी करने से पहले उचित सावधानी बरती जानी चाहिए। मिनिस्ट्री ऑफ़ कंस्यूमर अफेयर द्वारा निकाले गए नए दिशानिर्देशों में सेरोगेट विज्ञापनों पर भी रोक लगा दी गई है। 

सोडा वाटर के बहाने शराब की ऐड

सरोगेट विज्ञापन दरअसल जाली विज्ञापन होते है, जो किसी अन्य उत्पाद का प्रचार करते है। जैसे सोडा वाटर के बहाने शराब का उपचार करना या इलायची के बहाने गुटखे का। अब इन्हीं जाली विज्ञापनों के लिए सरकार नए दिशानिर्देश लेकर आई है। इनका उल्लंघन करने पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। 

सेलिब्रिटी भी पड़ सकते है मुश्किल में

नए नियमों के अनुसार, उत्पादों को समर्थन वाले फिल्मी या अन्य क्षेत्रों की हस्तियों को भी जिम्मेदार माना जाएगा। 

क्या है भ्रामक विज्ञापन?

  • जो किसी भी विज्ञापन या सेवा को गलत तरीके से बताते है।
  • जो ग्राहकों से झूठी गारंटी का वादा करते है।
  • जानबूझकर जरूरी सूचना छिपाई जाती है।

क्या क्या हुआ बैन?

  • भ्रामक और सरोगेट एड
  • बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए हानिकारक चीजों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापन
  • वैज्ञानिक तथ्यों के बगैर शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाने का दावा
  • प्राकृतिक या पारंपरिक खाने की तुलना में विज्ञापन में दिखाए प्रोडक्ट को बेहतर बताना

चालाकी होगी बंद

  • स्क्रीन पर आने वाला डिस्क्लेमर उसी भाषा में और मुख्य विज्ञापन के बराबर फॉन्ट साइज में होना चाहिए। 
  • ऑडियो-वीडियो एड में वीओ जल्दी नहीं आना चाहिए, ऐसा होना चाहिए जिससे सुना और समझा जा सके।     

Tez Tarrar App

ये भी पढ़े: जल्द बनने जा रहा है 594 KM लंबा गंगा एक्सप्रेसवे, केंद्र सरकार से मिली मंजूरी

Aanchal Mittal

आँचल तेज़ तर्रार न्यूज़ में रिपोर्टर व कंटेंट राइटर है। इन्होने दिल्ली के सोशल व प्रमुख घटनाओ पर जाकर रिपोर्टिंग की है व अपनी कवरेज में शामिल किया है। आम आदमी की समस्याओ को इन्होने अपने सवालो द्वारा पूछताछ करके चैनल तक पहुँचाया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button