
आप को बता दें की लेट फाइन के साथ भी बिलेटेड या अपडेडेट आईटीआर भरा जा सकता है. अगर टैक्सेबल इनकम बेसिक एक्जेम्पशन लिमिट 2.50 लाख रुपये से अधिक है लेकिन 5 लाख से कम हो तो 1,000 रुपये लेट फाइन लगेगा।
होम लोन लेने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना जरूरी है. इसके बिना बैंमक या फाइनेंस कंपनी लोन नही देंगे। लोन लेने के लिए एक यही उपाय है कि पहले किसी भी तरह से (ITR) भर दें और अपना सिविल सही करे उसके बाद हो लोन के लिए अप्लाई करें. चूंकि आपने इससे पहले कभी ITR नहीं भरा है तो अब आपके पास लेटेस्ट रिटर्न भरने का अवसर है अगर आप चाहें तो वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए 31 दिसंबर 2022 तक फाइन के साथ ITR भर सकते हैं. इसके लिए आप को लेट फाइन देना होगा। जो आपकी कुल इनकम पर निर्भर करता है यह कार्य बिलेडेट रिटर्न के जरिये पूरा किया जाएगा.
लेट फाइन के साथ बिलेटेड या अपडेडेट आईटीआर (ITR) भरा जा सकता है बता दें की अगर टैक्सेबल इनकम बेसिक एक्जेम्पशन लिमिट 2.50 लाख रुपये से ज्यादा लेकिन 5 लाख से कम है तो 1,000 रुपये फाइन देना होगा अगर इनकम 5 लाख रुपये से अधिक है तो लेट फाइलिंग फी 5,000 रुपये चुकानी पड़ेगी। होम लोन लेने के लिए तीन साल तक के लिए ITR देना होगा। बता दें की एक साल से अधिक के लिए सामान्य आईटीआर नहीं भर सकते।
अपडेटेड ITR भरने के लिए कीमत देनी होती है वर्ष 2020-2021 के लिए ITR भरना हो तो टैक्स का कुल 25 परसेंट और साथ में ब्याज देना होगा. वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए भी टैक्स और ब्याज की राशि 50 परसेंट तक जमा करनी होगी. आप को एक बात ये भी ध्यान में रखना होगा कि बिलेटेड ITR या अपडेटेड ITR दिया जाए तो बैंक या फाइनेंस कंपनियां संदेह की निगाह से देखती हैं. इसका लाभ ये है कि अगर सैलरी पर टैक्स कटा हो या ग्राहक ने समय पर एडवांस टैक्स भरा हो, तो होम लोन आसानी से मिल जाता है।
अपडेटेड रिटर्न तब भी भरा जा सकता है जब ओरिजिनल रिटर्न नहीं भरा गया हो बता दें की रिवाइज्ड रिटर्न तब तक नहीं भरा जा सकता जब तक ओरिजिनल रिटर्न नहीं भरा जाए।
आप को बता दें की अपडेटेड रिटर्न तभी दाखिल किया जा सकता है जब कोई अतिरिक्त टैक्स देनदारी हो, जबकि रिवाइज्ड रिटर्न में ऐसा कुछ भी प्रतिबंध नहीं है अपडेटेड रिटर्न रिलिवेंट एसेसमेंट ईयर के अंत से दो वर्षों के भीतर भरा जा स कता है जबकि रिवाइज्ड रिटर्न एसेसमेंट साल की समाप्ति के तीन महीने पहले भरा जाना चाहिए बता दें की रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने के लिए कोई जुर्माना नहीं है, एक अपडेटेड रिटर्न में टैक्स की देनदारी का 25-50% जुर्माना होता है।
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