
राजस्थान के अजमेर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल अजमेर के एक गांव में रहने वाली गट्टू देवी के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसे सुनकर आपके भी होश उड़ सकते है. गट्टू देवी उस वक्त सदमें में आ गई जब उनकी विधवा पेंशन को मृत बताकर रोक दिया गया.
अजमेर के टोडगढ़ तहसील के बंजारी गांव में रहने वाली तीन बच्चों की दादी को आखिरी बार फरवरी 2022 में 1,500 रुपये की पेंशन प्राप्त हुई थी. इसके बाद उनके खाते में पेंशन के पैसे आने बंद हो गए. जानकारी के अनुसार गट्टू देवी के बेटे चुन्नीलाल ने कहा, ‘हमने अपना खाता चेक नहीं किया क्योंकि हमें लगा कि पेंशन की रकम आ ही रही होगी,
क्योंकि वो तो पिछले कई सालों से नियमित रूप से आ रही है. मैं जब पंचायत समिति में गया तो पता चला कि मेरी मां को मरा हुआ घोषित कर दिया गया था और पिछले साल फरवरी महीने में ही पेंशन बंद कर दी गई थी. बता दें कि ये चौकाने वाला मामला सामने आने के बाद सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने इस गड़बड़ी का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है और इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर इतनी बड़ी गलती कैसे हुई.
इसके साथ ही विभाग ने गट्टू देवी को आश्वासन दिया है कि बाकि के पैसे अगले महीने तक उनके खाते में आ जाएंगे. अधिकारियों की माने तो, पंचायत समिति द्वारा सत्यापन के बिना ही गट्टू देवी को मरा हुआ घोषित कर दिया गया था.
बेटे ने ये भी कहा कि किसी को मरा हुआ घोषित करने के लिए पंचायत को मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत होती है और इसके बिना सिस्टम को अपडेट करना नामुमकिन है. हालांकि, मेरी मां का नाम मृत लोगों की सूची में भी नहीं था.
इसके अलावा पीड़िता अपने बेटे के साथ बायोमेट्रिक पहचान के लिए ई-मित्र केंद्र भी गई थीं, लेकिन वहां जाने का भी कोई फायदा नहीं हुआ था. जानकारी के अनुसार, “हम तीन-चार बार सेंटर पर गए, लेकिन वृद्धावस्था की वजह से उनके फिंगर प्रिंट नहीं लिए जा सके.’ हालांकि, जब ये मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तब जाकर ये मामला शांत हुआ.
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