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Russia-Ukraine War के कारण बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीज़ल के दाम

कच्चे तेल के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 105 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचे। युद्ध का अर्थव्यवस्था पर भारी प्रभाव पड़ रहा है

विश्व में चल रहे यूक्रेन-रूस विवाद का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी प्रभाव पड़ रहा है। जहां एक और रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। इसे तीसरे विश्वयुद्ध का संकेत माना जा रहा है।

घरेलू मार्केट में पिछले तीन महीने से ईंधन के रेट स्थिर हैं। लेकिन यूक्रेन टेंशन के चलते कच्चे तेल के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 105 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचे है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की आर्थिक रिपोर्ट में कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी को देखते हुए डीजल और पेट्रोल की कीमतों में 7-14 रुपये की बढ़ोतरी होनी चाहिए थी, जो कि नहीं हुई है।

इससे तेल कंपनियों को भारी नुकसान है। इस रूस- यूक्रेन टेंशन के कारण अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हो रही है। इसलिए ये आशंका जताई जा रही है कि जल्द ही पेट्रोल- डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि कच्चे तेल की कीमतों को उच्चतम स्तर से 67 फीसदी तक नीचे आने में करीब 18 महीने लगेंगे।

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