
अडानी की एंट्री होने के बाद NDTV में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड से प्रणय रॉय और साथ ही राधिका रॉय के इस्तीफे के बाद बुधवार देर शाम के वक्त चैनल के वरिष्ठ कार्यकारी संपादक और NDTV प्राइम टाइम एंकर रवीश कुमार ने भी इस्तीफा दे दिया।
कुमार चैनल के प्रमुख शो हम लोग, रवीश की रिपोर्ट, देश की बात और प्राइम टाइम समेत कई कार्यक्रमों में एंकरिंग किया करते थे और रवीश कुमार देश की आम जनता को प्रभावित करने वाले जमीनी मामलों की कवरेज के लिए जाने जाते हैं। रविश कुमार कुल दो बार रामनाथ गोयनका उत्कृष्टता और वर्ष 2019 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक NDTV ग्रुप की प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह ने इस मेल में लिख कर बताया है कि ‘रवीश ने NDTV से इस्तीफा दे दिया है और इसके साथ ही कंपनी ने उनके इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार भी कर लिया है। रविश कुमार जितना लोगों को प्रभावित करने वाले देश में कुछ ही पत्रकार हैं। यह रविश कुमार के बारे में मिलने वाली अपार प्रतिक्रिया में दिखता है,
वो भीड़ जिन्हें वे अपने इर्द-गिर्द जमा करते हैं, और साथ ही भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें मिले प्रतिष्ठित पुरस्कारों और साथ ही पहचान में दिखता है; और रविश कुमार की हर दिन की रिपोर्ट में, जो उन लोगों के अधिकारों और जरूरतों को पूरा करता है जो पूरा सेवा से वंचित हैं। रवीश दशकों से NDTV चैनल का एक अभिन्न हिस्सा रहे हैं और उनका योगदान बहुत ज्यादा रहा है, हम सभी जानते हैं कि जब रविश कुमार एक नई शुरुआत कर रहे हैं, वे बिलकुल सफल होंगे।’
मोदी सरकार के प्रखर आलोचक हैं रविश कुमार
रविश कुमार की पहचान भारत देश में मोदी सरकार के प्रखर आलोचक के तौर पर होती है। रविश कुमार अपने प्राइम शो के दौरान सबसे अधिक मोदी सरकार और बीजेपी की आलोचना करते दिखाई देते थे। रविश कुमार के विरोधियों को इस बात की सबसे अधिक शिकायत है कि वह बीजेपी और मोदी सरकार के अलावा और किसी सियासी दल और सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक रुख नहीं रखते हैं। रविश कुमार मोदी सरकार की तारीफ करने वाले मीडिया संस्थानों को गोदी मीडिया कहकर बुलाते हैं। रविश की इस टिप्पणी के कारण भी वह सोशल मीडिया में आए दिन आलोचना का शिकार होते रहते हैं।
यह भी पढ़ें: केजरीवाल की रैली में 12 विधायकों, और 20 पार्षदों के मोबाइल चोरी, FIR दर्ज