Mahatma Gandhi Death Anniversary 2022: गांधीजी की पुण्यतिथि के अलावा और क्यों जाना जाता है, जानें
सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक नाम मोहनदास करमचंद गांधी का था।

Mahatma Gandhi Death Anniversary 2022: सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक नाम मोहनदास करमचंद गांधी का था।
ऐसे में उन्हें महात्मा तो कोई बापू के नाम से पुकारता है। राष्ट्रपिता यानी हर भारतीय के पिता, जिन्होंने सही राह पर चलकर अंग्रेजों से भारत को आजाद कराने की सीख दी।
एक पिता की तरह लड़ाई झगड़े और खून खराबे से दूर रहने और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। आजादी के कुछ महीनों बाद 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी का निधन हो गया।
उस शाम प्रार्थना के दौरान बिड़ला हाउस में गांधी स्मृति में नाथूराम गोडसे ने उन्हें गोली मार दी थी। ये दिन इतिहास में गांधीजी की पुण्यतिथि के तौर पर हमेशा के लिए दर्ज हो गया।
भारत में 30 जनवरी को शहीद दिवस के तौर पर मनाते हैं। इस दिन महात्मा गांधी का निधन हुआ था। गांधीजी की पुण्यतिथि को देश शहीद दिवस के तौर पर मनाते हुए महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
इस मौके पर दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी जी की समाधि पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पहुंचते हैं और स्वतंत्रता संग्राम में गांधी जी के योगदान को याद कर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
देश के सशस्त्र बलों के शहीदों को सलामी दी जाती है। पूरे देश में बापू की याद और शहीदों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा जाता है।
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