पीरियड्स के दोरान क्यों अलग चलता है औरतो का दिमाग
औरतो के लिए महावारी एक बुनयादी सच है। लेकिन ये बात भी सच है कि एक औरत आज भी महावारी की बात दूसरो से छुपाती फिरती है।

औरतो के लिए महावारी एक बुनयादी सच है। लेकिन ये बात भी सच है कि एक औरत आज भी महावारी की बात दूसरो से छुपाती फिरती है। जिसमें ये बात किसी से नही छिपी कि इंसानी कायनात इसी पर टिकी हुई है।
इसी के साथ पहले के ज़माने में औरतो को होने वाली महावारी एक दौरे के रूप मे देथी जाती थी। क्योकिं उस बीच औरतो का नेचर कुछ चिड़चिड़ा हो जाता था।
एक रिसर्च के अनुसार एक समय के बाद औरत के मन सेक्स करने का करता है। वो अगर पूरा नहीं होता तो शरीर से ख़ून का रिसाव शुरू हो जाता है।
एक स्टडी के मुताबिक एक तरफ जहा औरतो में महावारी होती है वही मर्दो को भी अलग तरह के चक्र से गुजरना पड़ता है। ऐसें में औरतो का दिमाग मर्दो से अलग काम करता है।
फ़ीमेल हार्मोन दिमाग के दो हिस्सो पर अपना अलग असर डालता है। हर महीने फ़ीमेल हार्मोन रिलीज़ होने की वजह से दिमाग़ का एक हिस्सा बड़ा हो जाता है। इसलिए महिलाएं दिमाग़ के इस हिस्से का इस्तेमाल करते हुए किसी भी परिस्थिति को दूसरों के मुक़ाबले बेहतर तरीक़े से देखती हैं।
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