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दिल्ली में पानी संकट के बीच दिल्ली और हरियाणा सरकार आमने-सामने

दिल्ली के कई इलाकों में पानी की समस्या हो रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार एक बार फिर आमने-सामने आ गई है।

राजधानी दिल्ली में बिजली के बाद अब पानी का संकट मंडरा रहा है। ऐसे में दिल्ली के कई इलाकों में पानी की समस्या हो रही है। इसके लिए मंगलवार को दिल्ली के कैबिनेट मंत्री और जल बोर्ड के अध्यक्ष सतेंद्र जैन ने वजीराबाद का निरक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार पानी नहीं छोड़ रही।

सतेंद्र जैन ने ट्वीट कर जानकारी दी कि हरियाणा सरकार की तरफ से यमुना में जो पानी छोड़ा जाना चाहिए वे 674.5 फीट होना चाहिए। लेकिन ये कम होकर 669 फीट हो गया है। इस कारण हमारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का उत्पादन 60-70 MGD तक कम हो गया है। उन्होंने आगे लिखा कि इसी कारण दिल्ली में पानी की कमी हो रही है। वही हरियाणा सरकार से आग्रह करुगा कि एग्रीमेंट के हिसाब से पानी छोड़े।

बता दें कि इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि आम आदमी पार्टी झूठ बोल रही है। वही इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। खट्टर ने कहा कि हम दिल्ली को पूरा पानी देते है। लेकिन दुर्भाग्य है कि आम आदमी पार्टी झूठ बोल रही है और राजनीति कर रही है। वही सुप्रीम कोर्ट के अनुसार ही दिल्ली को 1050 क्यूसेक पानी दिया जाता है।

दिल्ली के कई इलाकों में जल सकट मंडरा रहा है। इनमे गोविंदपुर, तुगलकाबाद, अंबेडकर नगर, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, पंजाबी बाग,सिविल लाइन, करोल बाग, पहाड़गंज, ओल्ड राजेंद्र नगर, न्यू राजेंद्र नगर, पटेल नगर, हिंदू राव अस्पताल, शक्ति नगर, कमला नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, माडल टाउन, रामलीला ग्राउंड, मूलचंद, और दक्षिण दिल्ली के कई इलाके शामिल है।
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