
दिल्ली में केजरीवाल सरकार की नई अबकारी नीति के तहत शरीब की खुदरा बिक्री के लिए जारी किए गए जोनल लाइसेंस की आवंटन प्रक्रिया में गड़बड़ी की जांच जल्द होगी।
इसी को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने मुख्य सचिव को आदेश दिए है। दरअसल, मुख्य सचिव को 15 दिनों में आवंटन प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी की रिपोर्ट पेश करनी है।
जानकारी के अनुसार, ये कदम राज्यपाल द्वारा कई शिकायतों के मिलने के बाद उठाया गया है। जानकारी के अनुसार, ये शिकायतें वकीलों, न्यायविदों व समाज के प्रतिष्ठ नागरिकों के ओर से की गई है।
आपकों बता दे कि दिल्ली में सूची में डाले गए शराब व्यवसायियों को भी आबकारी विभाग का लाइसेंस जारी किया गया है। बहराल, नई नीति में नियम है कि किसी भी कंपनी को अधिकतम दो जोनल लाइसेंस मिलेंगे।
लेकिन नियम को अनदेखा करते हुए एक कंपनी को तीन जोन में शराब की खुद्रा बिक्री के लिए आबकारी विभाग की ओर से लाइसेंस जारी कर दिया गया था।
अब ऐसे में इस शिकायत के जरिए ये कहा गया है कि दिल्ली में शराब की खुद्रा बिक्री के लिए गुटबंदी से कंपनियों को लाइसेंस जारी किया गया है। इन्हीं शिकायतों के चलते उपराज्यपाल द्वारा मुख्य सचिव से 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी गई।
जानकारी के मुताबिक, आरोप लगे थे कि काली सूची में डाले गए शराब व्यवसायियों को भी लाइसेंस दे दिया गया था। इसके अलावा कई कंपनियों को दो की जगह तीन जोन में शराब बेचने का लाइसेंस मिला। साथ ही आवंटन में गुटबंदी के जरिए एकाधिकार स्थापित किया गया।
आपकों बता दे कि इस जांच को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा कहा गया कि सरकार इस जांच का खुलकर स्वागत करती है। साथ ही उनका कहना था कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि इन दावों में कोई सच्चाई नहीं है।
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