धर्म

11 september Hindu Panchang: जानें घातक रोगों से मुक्ति पाने का उपाय

Aaj Ka Hindu Panchang: सूर्य भगवान पूजन विधि के साथ ही जानें आज का राहुकाल सूर्योदय और सूर्यास्त का समय भी

 आज का हिन्दू पंचांग

दिनांक – 11 सितम्बर 2021

दिन – शनिवार

विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)

शक संवत – 1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – शरद

मास-भाद्रपद

पक्ष – शुक्ल

तिथि – पंचमी शाम 07:37 तक तत्पश्चात षष्ठी

नक्षत्र – स्वाती सुबह 11:23 तक तत्पश्चात विशाखा

योग – इंद्र दोपहर 02:42 तक तत्पश्चात वैधृति

राहुकाल – सुबह 09:30 से सुबह 11:02 तक

सूर्योदय – 06:25

सूर्यास्त – 18:44

दिशाशूल – पूर्व दिशा में

व्रत पर्व विवरण – ऋषि पंचमी, सामा पंचमी,गुरु पंचमी (ओडिशा), रक्षा पंचमी (बंगाल), संवत्सरी-पंचमी पक्ष (जैन)

विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

 सूर्य षष्ठी

भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मोरयाई छठ का व्रत रखा जाता है। इसे मोर छठ या कुछ स्थानों पर सूर्य षष्ठी व्रत भी कहते हैं। इस बार यह व्रत 12 सितम्बर, रविवार को है। भविष्योत्तर पुराण के अनुसार, प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान सूर्य के निमित्त व्रत करना चाहिए। इनमें भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, सूर्योपासना, जप एवं व्रत किया जाता है। इस दिन सूर्य पूजन, गंगा स्नान एवं दर्शन तथा पंचगव्य सेवन से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। इस दिन व्रत को अलोना (नमक रहित) भोजन दिन में एक बार ही ग्रहण करना चाहिए। सूर्य पूजा में लाल फूल, गुलाल, लाल कपड़ा, लाल रंग की मिठाई आदि का विशेष महत्व है।

घातक रोगों से मुक्ति पाने का उपाय

12 सितम्बर 2021 रविवार को शाम 05:22 से 13 सितम्बर, सूर्योदय तक रविवारी सप्तमी है।

रविवार सप्तमी के दिन बिना नमक का भोजन करें। बड़ दादा के १०८ फेरे लें । सूर्य भगवान का पूजन करें, अर्घ्य दें व भोग दिखाएँ, दान करें । तिल के तेल का दिया सूर्य भगवान को दिखाएँ ये मंत्र बोलें :-

“जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम । तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर ।।”

नोट : घर में कोई बीमार रहता हो या घातक बीमारी हो तो परिवार का सदस्य ये विधि करें तो बीमारी दूर होगी ।

 मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि 

सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।

इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है।

रविवार सप्तमी

रविवार सप्तमी के दिन जप/ध्यान करने का वैसा ही हजारों गुना फल होता है जैसा की सूर्य/चन्द्र ग्रहण में जप/ध्यान करने से होता है।|

रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करे , तो उसकी घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं , अगर बीमार व्यक्ति न कर सकता हो तो कोई और बीमार व्यक्ति के लिए यह व्रत करे | इस दिन सूर्यदेव का पूजन करना चाहिये |

सूर्य भगवान पूजन विधि

1) सूर्य भगवान को तिल के तेल का दिया जला कर दिखाएँ , आरती करें |

2) जल में थोड़े चावल ,शक्कर , गुड , लाल फूल या लाल कुम कुम मिला कर सूर्य भगवान को अर्घ्य दें |

 सूर्य भगवान अर्घ्य मंत्र

1. ॐ मित्राय नमः।

2. ॐ रवये नमः।

3. ॐ सूर्याय नमः।

4. ॐ भानवे नमः।

5. ॐ खगाय नमः।

6. ॐ पूष्णे नमः।

7. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।

8. ॐ मरीचये नमः।

9. ॐ आदित्याय नमः।

10. ॐ सवित्रे नमः।

11. ॐ अर्काय नमः।

12. ॐ भास्कराय नमः।

13. ॐ श्रीसवितृ-सूर्यनारायणाय नमः।

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Rahil Sayed

राहिल सय्यद तेज़ तर्रार न्यूज़ चैनल में बतौर कंटेंट राइटर कार्य कर रहे हैं। इन्होंने दिल्ली से सम्बंधित बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाओं और समाचारों को अपने लेखन में प्रकाशित किया है।

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