धर्म

16 September हिन्दू पंचांग: जानें एकादशी व्रत के लाभ और इस दिन करने योग्य कार्य

आज का हिन्दू पंचांग: आज के राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के साथ ही जानें क्या हैं एकादशी व्रत के लाभ

दिनांक – 16 सितम्बर 2021

दिन – गुरुवार

विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)

शक संवत -1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – शरद

मास – भाद्रपद

पक्ष – शुक्ल

तिथि – दशमी सुबह 09:36 तक तत्पश्चात एकादशी

नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा 17 सितम्बर प्रातः 04:09 तक तत्पश्चात श्रवण

योग – शोभन रात्रि 10:32 तक तत्पश्चात अतिगण्ड

राहुकाल – दोपहर 02:05 से शाम 03:37 तक

सूर्योदय – 06:27

सूर्यास्त – 18:39

दिशाशूल – दक्षिण दिशा में

 

एकादशी व्रत के लाभ

 

➡ 16 सितम्बर 2021 गुरुवार को सुबह 09:37 से 17 सितम्बर, शुक्रवार को सुबह 08:07 तक एकादशी है ।

 

विशेष – 17 सितम्बर, शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।

एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं 

 

  • जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
  • जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
  • एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
  • धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
  • कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
  • परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी  ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है

एकादशी के दिन करने योग्य कार्य

एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l

एकादशी के दिन ये सावधानी रहे

महीने में १५-१५ दिन में  एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो  चावल खाता है तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता हैl

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Vasundhra Tyagi

वसुंधरा त्यागी कंटेंट मार्केटिंग और राइटिंग की फील्ड में करीब 2 साल से कार्यरत हैं। वर्तमान में तेज़ तर्रार मीडिया में बतौर राइटर और एडिटर अपना रोल निभा रही हैं। इन्होंने दिल्ली से जुड़े कई मुद्दों और आम आदमी की समस्याओं को अपने लेख में प्रकाशित कर सम्बंधित अधिकारियों और विभागों का ध्यान इन समस्याओं की और केंद्रित करवाया है।

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