आज का हिन्दू पंचांग: जानें अजा एकादशी के बारे में
आज का हिन्दू पंचांग: व्यतिपात योग के बारे में जानने के साथ जानें आज का राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 02 सितम्बर 2021
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत – 2078 (गुजरात – 2077)
शक संवत – 1943
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास-भाद्रपद (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – श्रावण)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – एकादशी-पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र – आर्द्रा दोपहर 02:57 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
योग – सिद्धि सुबह 10:10 तक तत्पश्चात व्यतिपात
राहुकाल – दोपहर 02:12 से शाम 03:46 तक
सूर्योदय – 06:23
सूर्यास्त – 18:52
दिशाशूल – दक्षिण दिशा में
व्रत पर्व विवरण – एकादशी वृद्धि तिथि
विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
- आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
- एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
- एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
- जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
अजा एकादशी
➡ 02 सितम्बर 2021 गुरुवार को सुबह 06:22 से 03 सितम्बर, शुक्रवार सुबह 07:44 तक एकादशी है ।
विशेष – 03 सितम्बर, शुक्रवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें ।
यह व्रत सब पापों का नाश करनेवाला है | इसका माहात्म्य पढ़ने व सुनने से अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है |
स्त्रोत : ऋषिप्रसाद – अगस्त 2016 से
व्यतिपात योग
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका 1 लाख गुना फल मिलता है।
वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।
व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।
विशेष -02 सितम्बर 2021 गुरुवार को सुबह 10:11 से 03 सितम्बर, शुक्रवार को सुबह 10:10 तक व्यतीपात योग है।
कथा स्रोत – बडोदा 2008 में 12 नवम्बर को सुबह के दीक्षा सत्र में (स्वामी सुरेशानन्द जी के सत्संग से)
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