Aaj ka Panchang 23 March: चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन, इस देवी की होगी पूजा

Aaj ka Panchang 23 March: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 23 मार्च 2023

दिन – गुरुवार

विक्रम संवत् – 2080

शक संवत् – 1945

अयन – उत्तरायण

ऋतु – वसंत

मास – चैत्र

पक्ष – शुक्ल

तिथि – द्वितीया शाम 06:20 तक तत्पश्चात तृतीया

नक्षत्र – रेवती दोपहर 02:08 तक तत्पश्चात अश्विनी

योग – इंद्र 24 मार्च प्रातः 03:43 तक तत्पश्चात वैधृति

राहु काल – दोपहर 02:18 से 03:49 तक

सूर्योदय – 06:41

सूर्यास्त – 06:52

दिशा शूल – दक्षिण दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:07 से 05:54 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:22 से 01:10 तक

व्रत पर्व विवरण – चेटीचंड, भगवान झुलेलाल जन्मोत्सव, शहीद दिवस

विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

चैत्र नवरात्रि (22 से 30 मार्च 2023)

नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं । इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है । साथ ही, सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं ।

नवरात्रि की द्वितीया तिथि यानी दूसरे दिन माता दुर्गा को शक्कर का भोग लगाएं ।इससे उम्र लंबी होती है ।

लक्षमी प्राप्ति साधना

श्रीमद् देवीभागवत में वर्णित नवरात्रि में जप से श्रेष्ठ लक्ष्मीप्राप्ति का दुर्लभ मंत्र ।

नवरात्रि में मंत्र जप से श्रेष्ठ लक्ष्मी – प्राप्ति होती है । इस मंत्र से लक्ष्मी जी महालक्ष्मी होकर भोग और मोक्ष देनेवाली बनती है ।

मंत्र – “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा”

सप्तमी, अष्टमी, नवमी ये 3 दिन, व्यास जी ने कहा कि ये 3 दिन का जप, पूजन, व्रत करे तो नवरात्रि का फल प्राप्त होगा । ब्रम्हचर्य का पालन, दिया जलाकर प्राणायाम आदि करके माता की प्रसन्नता, शक्ति की उपासना का ये मंत्र है । ॐ बीज मंत्र है, बड़ा शक्तिशाली है । श्रीं भी बीज मंत्र है । ह्रीं भी बीज मंत्र है । क्लिं भी बीज मंत्र है । ऐं भी बीज मंत्र है । इसमें 5 बीज मंत्र है ।*

इन बीज मंत्रों में दैविक शक्तियों के पुंज के पुंज छिपे है और आपके अन्दर जो केंद्र है उनको ये बीज मंत्र सेंसिटिव करेंगे, प्रभावित करेंगे

चेटीचंड – 23 मार्च 2023

23 मार्च 2023 गुरुवार को चैत्र सुद दूज चेटीचंड पर्व है । उस दिन रात को चंद्रमा को मंत्र बोलते हुए अर्घ्य दें । मन ही मन यह शुभ संकल्प करें कि, मेरा मन शांत रहे, भक्ति में लगे । गुरु चरणों में लगे ।*
*मंत्र : ॐ बालचन्द्रमसे नमः (3 वार)*

काम-धंधे में बरकत के लिए

नौकरी या काम-धंधे में बरकत नहीं आती हो तो गाय की धूलि लेकर उसको ललाट पर लगाकर काम-धंधे पर जाएँ । धीरे-धीरे बरकत होने लगेगी और विघ्न हटने लगेंगे ।

पेट सम्बन्धी तकलीफों में

नींबू के रस में सौंफ भिगो दें और जितना नींबू का रस, उतना ही सौंफ भी लें । फिर सौंफ में थोड़ा काला नमक या संत कृपा चूर्ण मिलाकर तवे में सेंक कर रख दो । ये लेने से पेट का भारीपन, बदहाजमी दूर होगी और भूख खुलकर लगेगी । कब्ज की तकलीफ भी ठीक हो जायेगी ।
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