धर्म

Aaj Ka Hindu Panchang: जानिए 19 नवंबर का पंचांग, शुभ मुहूर्त और राहुकाल

Aaj Ka Hindu Panchang: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 19 नवंबर 2021

दिन – शुक्रवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत -1943

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – हेमंत

मास – कार्तिक

पक्ष – शुक्ल

तिथि – पूर्णिमा दोपहर 02:26 तक तत्पश्चात प्रतिपदा नक्षत्र – कृत्तिका 20 नवम्बर प्रातः 04:29 तक तत्पश्चात रोहिणी

योग – परिघ 20 नवंबर प्रातः 03:52 तक तत्पश्चात शिव

राहुकाल – सुबह 11:01 से दोपहर 12:24 तक

सूर्योदय – 06:52

सूर्यास्त – 17:55

दिशाशूल – पश्चिम दिशा में

व्रत पर्व विवरण – कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली, कार्तिक स्नान समाप्त, गुरु नानकजी जयंती, पुष्कर मेला, तुलसी विवाह समाप्त, खंडग्रास चन्द्रग्रहण (भारत में अरुणाचल प्रदेश के सुदूर पूर्व भाग में अत्यल्य दिखेगा, वही नियम पालनीय

विशेष – पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

मार्गशीर्ष मास विशेष

20 नवंबर 2021 शनिवार से मार्गशीर्ष का आरम्भ हो रहा है।

विशेष ~ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार अभी कार्तिक मास)

  1.  मार्गशीर्ष मास में इन तीन के पाठ की बहुत ज्यादा महिमा है ….. विष्णुसहस्त्र नाम ….भगवत गीता…. और गजेन्द्रमोक्ष की खूब महिमा है…खूब पढ़ो …. दिन में २ बार -३ बार
  2.  इस मास में ‘श्रीमद भागवत’ ग्रन्थ को देखने की भी महिमा है …. स्कन्द पुराण में लिखा है …. घर में अगर भागवत हो तो एक बार दिन में उसको प्रणाम करना
  3.  इस मास में अपने गुरु को …. इष्ट को ….” ॐ दामोदराय नमः ” कहते हुए प्रणाम करने की बड़ी भारी महिमा है |
  4. शंख में तीर्थ का पानी भरो और घर में जो पूजा का स्थान है उसमें भगवान – गुरु उनके ऊपर से शंख घुमाकर भगवान का नाम बोलते हुए वो जल घर की दीवारों पर छाटों …… उससे घर में शुद्धि बढ़ती है…शांति बढ़ती है

….क्लेश झगड़े दूर होते है।

20 नवम्बर 2021 शनिवार को मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा है ।

अगर कोई आदमी गरीबी से बहुत पीड़ित हो …पैसों की तंगी से बहुत पीड़ित हो और कर्जे का ब्याज भरते-भरते परेशान हो गया हो बहुत तकलीफ सहन करनी पड़ती हो तो मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा को रात के समय गुरुदेव का

पुजन कर दिया … मानसिक या दिया जलाकर ।

फिर भगवान विष्णु का स्मरन कर के

“मंगलम भग्वान विष्णु, मंगलम गरुध ध्वज |
मंगलम पुण्डरीकाक्ष, मंगलाय तनो हरि ।”
फिर 6 मंत्र बोले भगवान का स्मरण करते हुए:-
ॐ वैश्‍वानराय नम:
ॐ अग्‍नयै नम:
ॐ हविर्भुजै नम:
ॐ द्रविणोदाय नम:
ॐ संवर्ताय नम:
ॐ ज्‍वलनाय नम:

इस मास में कर्पूर का दीपक जलाकर भगवान को अर्पण करनेवाला अश्वमेघ यज्ञ का फल पाता है और कुल का उद्धार कर देता हूँ!

 

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