धर्म
Aaj ka Panchang 10 March: आज तृतीया को बनें ये शुभ मुहूर्त, जरूर करें शुभ काम
Aaj ka Panchang 10 March: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 10 मार्च 2023
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत
मास – चैत्र
पक्ष – कृष्ण
तिथि – तृतीया रात्रि 09:42 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र – चित्रा पूर्णरात्रि तक
योग – वृद्धि रात्रि 08:40 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहु काल – सुबह 11:21 से 12:50 तक
सूर्योदय – 06:54
सूर्यास्त – 06:47
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:17 से 06:05 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 से 01:14 तक
व्रत पर्व विवरण – छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती
विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
कब्जनाशक प्रयोग
कब्ज अनेक रोगों का गढ है । कब्ज दूर करने के लिए निम्न उपाय करें ।
रात को हरड़ पानी में भिगोकर रखें । सुबह थोड़ी सी हरड़ उसी पानी में रगड़ें और थोड़ा सा नमक मिलाकर पियें ।
सूर्योदय से पहले खाली पेट रात का रखा हुआ पानी आवश्यकतानुसार पियें (गुनगुना हो तो उत्तम) ।
मेथी के पत्तों की सब्जी खायें ।
धनिया, पुदीना, काला नमक व काली मिर्च की चटनी भोजन के साथ लें
श्वास बाहर निकालकर गुदाद्वार का संकोचन विस्तरण (अश्विनी मुद्रा) करने को थलबस्ती कहते हैं। यह प्रयोग रोज तीन-चार बार करने से भी कब्ज दूर होता है और वीर्यहानि, स्वप्नदोष एवं प्रदर रोग से रक्षा होती है । व्यक्तित्व विकसित होता है ।
घर में शांति आने का अद्भुत चमत्कार
शुद्ध घी या तिल के तेल का दीपक जलाकर गहरा श्वास लेके रोकें फिर ‘ॐ तं नमामि हरिं परम् ।’ मंत्र बोले । ऐसा १५ – २० मिनट नियत समय, नियत स्थान पर कुटुम्ब के सभी लोग करें । ३ – ४ दिन में अद्भुत चमत्कार होगा, घर में शांति होगी ।
कलजुग के दोषों से बचने हेतू
नारद जी द्वारा कलयुग के दोष मिटाने के उपाय पूछे जाने पर ब्रम्हाजी बोले,” पुत्र, सुन्दर उपाय मिला है । कलजुग के लोगो को “कलौ तु कीर्तनात् ” ऐसा उपदेश किया, फिर “कलीतरणौपनिषद” बना । उस में लिखा है कलजुग में लोग जो “कलीतरणौपनिषद” नहीं पढ़ सकते तो केवल ” हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ” ऐसा जप करने से कलजुग के दोष मिट जाते है ।
नारदजी द्वारा विधि पूछे जाने पर ब्रम्हा जी ने कहा कि दूसरे किसी विधि की जरूरत नहीं हरि नाम लेंगे तो कलजुग का प्रभाव उनपर से हट जायेगा और उनकी बुद्धि पवित्र होगी और पवित्र बुद्धि होने से कार्य पवित्र होते है, परिणाम पवित्र आता है ।\