Aaj Ka Panchang 12 May: मोहिनी एकादशी व्रत, जानिए मुहूर्त और शुभ योग
Aaj Ka Panchang 12 May: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक 12 मई 2022
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म
मास – वैशाख
पक्ष – शुक्ल
तिथि – एकादशी शाम 06:51 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी शाम 07:30 तक तत्पश्चात हस्त
योग – हर्षण रात्रि 05:51 तक तत्पश्चात वज्र
राहुकाल – अपरान्ह 2:15 से 03:54 तक
सूर्योदय – 06:00
सूर्यास्त – 07:12
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त– प्रातः 04:34 से 05:17 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.14 से 12:57 तक
व्रत पर्व विवरण– मोहिनी एकादशी
विशेष – एकादशी के दिन चावल, साबुदाना, शिम्बी ( सेम ) खाना निषेध ।
मोहिनी एकादशी 12 मई 2022
मोहिनी एकादशी 11 मई शाम 07:32 से 12 मई शाम 06:51 तक। व्रत उपवास 12 मई गुरुवार को रखें।
एकदाशी टिप्स
1.एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें; नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करे |
2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें , विष्णु सहस्रनाम पाठ करें |
3.ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिये |
4.चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए , यथा संभव मौन रहें |
5.एकदाशी के दिन भूल कर भी चावल नही खाना चाहिए न ही किसी को खिलाये | इसी दिन फलआहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक |
6.व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) -इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।
7.फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।
8.जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए |
9.भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।
10.एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें, इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है |
11.इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।
12.एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1बज तक) |
13.श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता ।
14.इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।
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