धर्म

Aaj Ka Panchang 14 April: आज है मेष संक्रांति, जानें आज का राहुकाल और नक्षत्र

Aaj Ka Panchang 14 April: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक 14 अप्रैल 2022

दिन – गुरुवार

विक्रम संवत – 2079

शक संवत – 1944

अयन – उत्तरायण

ऋतु – वसंत

मास – चैत्र

पक्ष – शुक्ल

तिथि – त्रयोदशी रात्रि 03:55 ( 15 अप्रैल प्रातः ) तक तत्पश्चात चतुर्दशी

नक्षत्र -पूर्वाफाल्गुनी सुबह 09:56 तक तत्पश्चात उत्तरा फाल्गुनी

योग – वृद्धि सुबह 09:52 तक तत्पश्चात ध्रुव

राहुकाल – अपरान्ह 02:15 से 03:50 तक

सूर्योदय – 06:20

सूर्यास्त – 07:00

दिशाशूल – दक्षिण दिशा में

ब्रह्म मुहूर्त– सुबह 04:50 से 05:35 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.17 से 01:02 तक

व्रत पर्व विवरण – मेष संक्रान्ति, अनंग त्रयोदशी, गुरु प्रदोष व्रत , महावीर स्वामी जन्मोत्सव

विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

अनंग त्रयोदशी

14 अप्रैल 2022 गुरुवार को अंनग त्रयोदशी है । इस दिन व्रत करने से दाम्पत्य – प्रेम में वृद्धि होती है तथा पति – पुत्रादि का अखंड सुख प्राप्त होता है।

मेष संक्रांति : 14 अप्रैल (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12-42 तक)
जप, ध्यान, संकल्प हेतु विशेष तिथि
इस महा पुण्यशाली दिवस पर सभी साधक भाई-बहन पूज्यश्री के स्वास्थ्य एवं शीघ्र रिहाई के लिए अधिक से अधिक जप-ध्यान व प्रार्थना करें ।

गुरु प्रदोष व्रत – 14 अप्रैल

जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है । प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है। जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं , गुरुवार को पड़ता है, तो इसे गुरु प्रदोष के नाम से जाना जाता है। वह समय शिव पूजा व गुरु पूजा के लिये सर्वश्रेष्ठ होता है।

हनुमान जन्मोत्सव पर दीप दान महिमा

गेहूँ, तिल, उड़द, मूंग और चावल.. इन पाँचों के आटे से मिलाकर दिया बनाया जाये और वो जलाकर हनुमानजी के नाम से मंदिर में, पीपल या बड के पेड़ या घर में ही रखा जाये तो बड़ा शुभ माना जाता है | इससे मनोरथो की सिद्धि होती है ।

भक्ति बढ़ाने की भावना से हनुमानजी की राम भक्ति सच्ची है तो मेरी भी मेरे अराध्य के चरणों में, मेरे सद्गुरु के चरणों में मेरी भक्ति सच्ची हो, दृढ हो | मेरा जीवन उपासनामय हो | मैं इच्छानिवृति का रास्ता कभी न छोडू, मैं गुरु की उपासना का रास्ता कभी न छोडू | मेरी भक्ति में दृढ़ता है इसलिए हनुमानजी की जन्मोत्सव को हनुमान के नाम से पाँच अन्न ( गेहूँ, तिल, उड़द, मूंग और चावल ) का आटा मिलाकर अगर दीपक बनाया जाये और हनुमानजी के नाम से जलाया जाय तो बड़ा शुभ माना जाता है | सरसों का तेल के और घी का भी दिया कर सकते हैं |
16 अप्रैल 2022 शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव है ।

Hair Crown

 

 

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