Aaj ka Panchang 14 March: जानिए मंगलवार का पंचांग और शुभ मुहूर्त
Aaj ka Panchang 14 March: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 14 मार्च 2023
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत
मास – चैत्र
पक्ष – कृष्ण
तिथि – सप्तमी रात्रि 08:22 तक तत्पश्चात अष्टमी
नक्षत्र – अनुराधा सुबह 08:13 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
योग – वज्र दोपहर 03:14 तक तत्पश्चात सिद्धि
राहु काल – शाम 03:49 से 05:18 तक
सूर्योदय – 06:50
सूर्यास्त – 06:48
दिशा शूल – उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:14 से 06:02 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:25 से 01:13 तक
व्रत पर्व विवरण – मारवाड़ी सप्तमी
विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
बुधवारी अष्टमी : 15 मार्च 2023
पुण्यकाल : 15 मार्च सूर्योदय से शाम 06:45 तक ।)
षडशीति संक्रांति : 15 मार्च 2023
(पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12:49 तक)
व्यतिपात योग
व्यतिपात योग 15 मार्च दोपहर 12:53 से 16 मार्च सुबह 10:07 तक ।
ग्हबाधा दूर करने का उपाय
*शनि, राहू-केतु आदि ग्रहों के दोष-निवारण के लिए प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को अपने हाथ से आटे की लोई गुड़सहित प्रेमपूर्वक किसी नंदी अथवा गाय को खिलायें । कैसी भी ग्रहबाधा हो, दूर हो जायेगी ।
तुतलापन मिटाने के लिए
२-३ बादाम के गिरी मिक्सी में अच्छी तरह घोट के और मक्खन व मिश्री मिलाकर बराबर चबा चबा कर खाएं l १ हफ्ते में तोतलेपन में आराम होता है l
गृहके समीपस्थ वृक्ष (भाग -2)
ईशान में आँवला शुभदायक है ।
ईशान – पूर्वमें कटहल एवं आम शुभदायक हैं ।
(३) घरके पास काँटेवाले, दूधवाले तथा फलवाले वृक्ष स्त्री और सन्तान की हानि करनेवाले हैं । यदि इन्हें काटा न जा सके तो इनके पास शुभ वृक्ष लगा दें ।
काँटेवाले वृक्ष शत्रु से भय देनेवाले, दूधवाले वृक्ष धनका नाश करनेवाले और फलवाले वृक्ष सन्तानका नाश करनेवाले हैं । इनकी लकड़ी भी घरमें नहीं लगानी चाहिये-
आसन्नाः कण्टकिनो रिपुभयदाः क्षीरिणोऽर्थनाशाय ।
फलिनः प्रजाक्षयकरा दारूण्यपि वर्जयेदेषाम् ॥
(४) बदरी कदली चैव दाडिमी बीजपूरिक
प्ररोहन्ति गृहे यत्र तद्गृहं न प्ररोहति ॥
(समरांगणसूत्रधार ३८ । १३१) ‘बेर, केला, अनार तथा नींबू जिस घरमें उगते हैं, उस घर की वृद्धि नहीं होती । ‘*
अश्वत्थं च कदम्बं च कदलीबीजपूरकम् । गृहे यस्य प्ररोहन्ति स गृही न प्ररोहति ॥*
(बृहद्दैवज्ञ० ८७ ९) ‘पीपल, कदम्ब, केला, बीजू नींबू ये जिस घरमें होते हैं, उसमें रहनेवाले की वंशवृद्धि नहीं होती ।’*
(५) घरके भीतर लगायी हुई तुलसी मनुष्योंके लिये कल्याणकारिणी, धन-पुत्र प्रदान करनेवाली, पुण्यदायिनी तथा हरिभक्ति देनेवाली होती है । प्रातःकाल तुलसीका दर्शन करनेसे सुवर्ण दानका फल प्राप्त होता है ।*
*(ब्रह्मवैवर्तपुराण, कृष्ण० १०३ । ६२-६३ )*
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