Aaj Ka Panchang 18 April: आज करें शिव आराधना, जानें शुभ-अशुभ समय एवं राहुकाल
Aaj Ka Panchang 18 April: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक 18 अप्रैल 2022
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म
मास – वैशाख
पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वितीया शाम 07:23 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र – विशाखा रात्रि 03:39 तक तत्पश्चात अनुराधा
योग – सिद्धि रात्रि 08:24 तक तत्पश्चात व्यतिपात
राहुकाल – सुबह 07:52 से दोपहर 09:28 तक
सूर्योदय – 06:17
सूर्यास्त – 07:01
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त– प्रातः 04:47 से 05:32 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.16 से 01:01 तक
विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा वैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
व्यतीपात योग
(अप्रैल 18 सोमवार रात्रि 08:25 से अप्रैल 19 मंगलवार शाम 05:02 तक)
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।
व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नहीं दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नहीं थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसू बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।
-शुरेशानंद जी वडोदरा 2008 नवंबर 12
सौभाग्य-रक्षा और सुख-शांति व समृद्धि बढ़ाने हेतु
माताएँ-बहनें रोज स्नान के बाद पार्वती माता का स्मरण करते-करते उत्तर दिशा की ओर मुख करके तिलक करें और पार्वती माता को इस मंत्र से वंदन करें :
“ॐ ह्रीं गौर्यै नम: |”
इससे माताओं –बहनों के सौभाग्य की रक्षा होगी तथा घर में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ेगी |
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