धर्म

Aaj Ka Panchang 21 May: शनि को खुश करने का है दिन, ये है आज की तिथि

Aaj Ka Panchang 21 May: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक 21 मई 2022

दिन – शनिवार

विक्रम संवत – 2079

शक संवत – 1944

अयन – उत्तरायण

ऋतु – ग्रीष्म

मास – ज्येष्ठ

पक्ष – कृष्ण

तिथि – षष्टी दोपहर 02:59 तक तत्पश्चात सप्तमी

नक्षत्र – श्रवण रात्रि 11:46 तक तत्पश्चात धनिष्ठा

योग – शुक्ल सुबह 08:12 तक तत्पश्चात ब्रह्म 05:22 ( 21मई सुबह )

राहुकाल – सुबह 09:16 से 10:56 तक

सूर्योदय – 05:56

सूर्यास्त – 07:16

दिशाशूल – पूर्व दिशा में

ब्रह्म मुहूर्त– प्रातः 04:31 से 05:14 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.15 से 12:58 तक

व्रत पर्व विवरण-

विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

शनिवार के दिन विशेष प्रयोग

शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)

कब कहां और कैसे सोना चाहिए

हमारे शास्त्रों में मुनष्य की दिन चर्या के बारे में सुबह से लेकर रात्र में सोते तक के नियमों का वर्णन मिलता है। शास्त्रों के अनुसार रात में जब दिनभर की थकान को दूर करने के लिए हम शयन करने जा रहे होते हैं तो कब और कैसे शयन करना चाहिए, कहां शयन करना चाहिए और कहां नहीं। यशस्वी, निरोग और दीर्घायु जीवन के लिए सोते समय इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

1- मनुस्मृति में कहा गया है कि सूने तथा निर्जन घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मन्दिर गर्भगृह और श्मशान भूमि में भी नहीं सोना चाहिए।

2- विष्णुस्मृति के अनुसार, किसी सोए हुए मनुष्य को भूलकर भी अचानक नहीं जगाना चाहिए।

3- चाणक्यनीति के अनुसार, विद्यार्थी, नौकर और द्वारपाल यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों तो इन्हें समय पर तुरंत जगा देना चाहिए।

4- देवीभागवत एवं पद्मपुराण में कहा गया है कि- स्वस्थ मनुष्य को आयुरक्षा हेतु ब्रह्ममुहुर्त में उठना चाहिए। बिल्कुल अंधेरे कमरे में नहीं सोना चाहिए।

5- अत्रिस्मृति के अनुसार, भीगे (गीले) पैर कभी नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है।

6- महाभारत के अनुसार, टूटी खाट पर तथा जूठे मुंह भूलकर भी नहीं सोना चाहिए।

7- गौतम धर्म सूत्र के अनुसार, “नग्न होकर/निर्वस्त्र” नहीं सोना चाहिए।

8- आचारमय़ूख में लिखा है कि- पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से हानि व मृत्यु तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है।

9- दिन में कभी नहीं सोना चाहिए। परन्तु ज्येष्ठ मास में दोपहर के समय 1 मुहूर्त (48 मिनट) के लिए सोया जा सकता है। (दिन में सोने से रोग घेरते हैं तथा आयु का क्षय होता है) ।

10- ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार, दिन में तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है।

11- सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घण्टे) के बाद ही शयन करना चाहिए।

12- बायीं करवट सोना स्वास्थ्य के लिये लाभकारी है।

13- दक्षिण दिशा में पांव करके कभी नहीं सोना चाहिए। यम और दुष्ट देवों का निवास रहता है। कान में हवा भरती है। मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियां होती है।

14- हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट या बीम के नीचे और पांव पर पांव चढ़ाकर निद्रा न लें।

15- शय्या (पलंग) पर बैठकर खाना-पीना बहुत अशुभ होता है एवं सोते सोते पढ़ने से नेत्र ज्योति घटती है, इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए।

16- माथे पर तिलक लगाकर कभी नहीं सोना चाहिए।

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