Aaj ka Panchang 22 May: ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया तिथि, जानें मुहूर्त और शुभ योग का समय

Aaj ka Panchang 22 May: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 22 मई 2023*
दिन – सोमवार*
विक्रम संवत् – 2080*
शक संवत् – 1945*
अयन – उत्तरायण*
ऋतु – ग्रीष्म*
मास – ज्येष्ठ*
पक्ष – शुक्ल*
तिथि – तृतीया रात्रि 11:18 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
नक्षत्र – मृगशिरा सुबह 10:37 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
योग – धृति शाम 04:34 तक तत्पश्चात शूल*
राहु काल – सुबह 07:36 से 09:16 तक*
सूर्योदय – 05:56*
सूर्यास्त – 07:17*
दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:31 से 05:14 तक*
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:15 से 12:58 तक*
व्रत पर्व विवरण – रम्भा तृतीया, महाराणा प्रताप जयंती, वीर छत्रसाल जयंती*
विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

गर्मी के प्रभाव से सुरक्षा हेतु – प्रकृति के उपहार

नारियल पानी :-  नारियल का पानी पित्तशामक, स्वादिष्ट, स्निग्ध और ताजगी प्रदान करनेवाला है । यह प्यास को शांत कर ग्रीष्म ऋतू की उष्णता से सुरक्षा करता है । अत: गर्मियों में नारियल पानी का सेवन विशेष लाभदायी हैं ।*

लू लगने पर नारियल पानी के साथ काला जीरा पीस के शरीर पर लेप करने से लाभ होता है ।*

प्रतिदिन नारियल खाने व नारियल पानी पीने से शारीरिक शक्ति का विकास होता है, वीर्य की तेजी से वृद्धि होती है । ( अष्टमी को नारियल न खायें । )*

मूत्र में जलन होने पर पिसा हरा धनिया तथा मिश्री नारियल पानी में मिला के पीने से जलन दूर होती है ।*

खीरा : –  खीरा शरीर को शीतलता प्रदान करता है । इसमें बड़ी मात्रा में पानी और खनिज तत्त्व पाये जाते हैं ।*
*अत: इसके सेवन से शरीर में खनिज तत्त्वों का संतुलन बना रहता हैं । यह मूत्र की जलन शांत करता है एवं यकृत ( लीवर ) के लिए भी हितकारी है । खीरा भूख बढाने के साथ ही आँतों को सक्रिय करता हैं ।*

 अधिक पढने – लिखने, चित्रकला, संगणक व सिलाई का काम करने से आँखों में थकावट होने पर खीरे के दुकड़े काटकर आँखों पर रखें । इससे उनको आराम मिलता है तथा थकावट दूर होती है ।*

नींबू  और खीरे का रस मिलाकर लगाने से धूप से झुलसी हुई त्वचा ठीक होती है ।*

तरबूज : ग्रीष्म ऋतू में प्यास की अधिकता से मुक्ति दिलाता है तरबूज । इसके सेवन से शरीर में लू का प्रकोप कम होता है और बेचैनी से रक्षा होती है ।*

तरबूज के रस में सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर पीने से लू से सुरक्षा होती है ।*

गर्मी के प्रकोप से मूत्रावरोध होने पर तरबूज का रस पिलाने से मूत्र शीघ्र निष्कासित होता है ।*

 तरबूज के छोटे – छोटे टुकड़ों पर थोडा – सा  जीरा चूर्ण और मिश्री डाल के सेवन करने से शरीर की उष्णता दूर होती है ।*

धनिया : – धनिया ग्रीष्म ऋतू में अधिक प्यास के प्रकोप को शांत करता है ।*
१० ग्राम सूखा धनिया व ५ ग्राम आँवला चूर्ण रात को मिटटी के पात्र में  १ गिलास पानी में भिगो दें । प्रात: मसलकर मिश्री मिला के छान के पियें । यह गर्मी के कारण होनेवाले सिरदर्द व मूँह के छालों में हितकर हैं । धनिया पीसकर सिर पर लेप करने से भी आशातीत लाभ होगा । इससे पेशाब की जलन, गर्मी के कारण चक्कर आना तथा उलटी होना आदि समस्याएँ दूर होती हैं ।*

सोमवार विशेष

कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु

जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।*
*ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२१ से*

सोमवार को बाल कटवाने से शिवभक्ति की हानि होती है ।*

सोमवार को तथा दोपहर के बाद बिल्वपत्र न तोड़ें ।


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