धर्म

Aaj ka Panchang 23 February: आज विनायक चतुर्थी, जानिए शुभ मुहूर्त

Aaj ka Panchang 23 February: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 23 फरवरी 2023
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत
मास – फाल्गुन
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्थी रात्रि 01:33 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – उत्तरभाद्रपद प्रातः 04:50 तक तत्पश्चात रेवती
योग – शुभ रात्रि 08:58 तक तत्पश्चात शुक्ल
राहु काल – दोपहर 02:20 से 03:47 तक
सूर्योदय – 07:07
सूर्यास्त – 06:40
दिशा शूल – दक्षिण दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:28 से 06:18 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:27 से 01:17 तक
व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

वसंत ऋतू की व्याधियों में उपयोगी प्रयोग

१] सूखी खाँसी : तवे पर भुने हुए अलसी के बीजों का आधा चम्मच चूर्ण शहद में मिला के चाटने से लाभ होता है ।
२] कफवाली खाँसी : त्रिफला (हरड, बहेड़ा व आँवला), त्रिकुट (सोंठ, काली मिर्च व पीपर) समभाग ले के पीस लें । १ ग्राम चूर्ण को शहद मिला के चाटने से फायदा होता है ।
३] सर्दी-जुकाम : एक गिलास गुनगुना पानी ऐसे पियो जैसे चाय या दूध पीते हैं, २-४ दिन में सर्दी-जुकाम गायब ! हो सके तो उसमें थोडा संतकृपा चूर्ण डालें, चमत्कारिक फायदा होगा ।
४] गर्मी के कारण होनेवाला सिरदर्द : जौ का आटा पानी में घोल के ललाट पर लगाने से आराम मिलता है ।

लाभकारी औषधियाँ

खाँसी में : कफ सिरप, अडूसा अर्क, सितोपलादि चूर्ण ।
 सर्दी-जुकाम में : अडूसा अर्क, तुलसी अर्क, अमृत द्रव, योगी आयु तेल, संतकृपा चूर्ण ।
लोक कल्याण सेतु – मार्च  २०१८से

परीक्षा में सफलता के लिए

 समय-नियोजन : कब क्या करना – इसका नियोजन करने से सब कार्य सुव्यवस्थित होते हैं | अत: हर विद्यार्थी को अपनी समय-सारणी बनानी ही चाहिए ।
 जप, त्राटक, सत्संग-श्रवण,ध्यान, पढ़ाई, खेल,भोजन, नींद आदि का समय निश्चित करके समय-सारणी बना लें ।
रात को देर तक न जाग के सुबह जल्दी उठकर पढ़ें ।*
 पाठ्यक्रम के अनुसार प्राथमिकता तय करें, जिससे सभी विषयों का अध्ययन हो सके । सुनियोजन सर्व सफलताओं की कुंजी है ।

नौ व्यक्तियों का आप विरोध मत करिये

 आपको जो रसोई बना के खिलाते हैं उनका विरोध लम्बे समय मत करिये । न जाने कुभाव से वे कुछ खिला दें तो ? तुरंत अपने रसोइये से समझौता कर लेना चाहिए ।*
 आप शस्त्रहीन है और सामने शस्त्रधारी है तो उससे अकेले में विरोध मत करिये ।*
 जो आपके जीवन के रहस्य, मर्म जानते हों, उनसे भी आपको नहीं भिड़ना चाहिए ।*
 अपने स्वामी, बड़े अफसर, बड़े अधिकारी से भी नहीं भिड़ना चाहिए ।*
 मूर्ख मनुष्य से भी नहीं भिड़ना चाहिए ।*
धनवान, सत्तावान और वैद्य ( डाक्टर ) से भी नहीं भिड़ना चाहिए ।*
 कवि और भाट से भी न भिड़ें, नहीं तो ये आपका कुप्रचार करेंगे ।*
 लेकिन आप संत हैं तो ? आपका तो स्वभाव नहीं है भिड़ने का, फिर भी कोई कुछ करता है तो सम रहकर सब परिस्थितियों के बाप स्वरूप ईश्वर में रहना चाहिए । यह दसवीं बात मैंने मिलायी है ।*

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