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Aaj ka Panchang 25 March: नवरात्रि चौथा दिन, जानें आज के मुहूर्त और शुभ योग का समय

Aaj ka Panchang 25 March: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 25 मार्च 2023

दिन – शनिवार

विक्रम संवत् – 2080

शक संवत् – 1945

अयन – उत्तरायण

ऋतु – वसंत

मास – चैत्र

पक्ष – शुक्ल

तिथि – चतुर्थी शाम 04:23 तक तत्पश्चात पंचमी

नक्षत्र – भरणी दोपहर 01:19 तक तत्पश्चात कृतिका

योग – विष्कम्भ रात्रि 12:20 तक तत्पश्चात प्रीति

राहु काल – सुबह 09:43 से 11:14 तक

सूर्योदय – 06:39

सूर्यास्त – 06:52

दिशा शूल – पूर्व दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:05 से 05:52 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:22 से 01:09 तक

व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी, श्री (लक्ष्मी) पंचमी

विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है ।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

 चैत्र नवरात्रि 

नवरात्रि की चतुर्थी तिथि की प्रमुख देवी मां कूष्मांडा हैं । देवी कूष्मांडा रोगों को तुरंत नष्ट करने वाली हैं । इनकी भक्ति करने वाले श्रद्धालु को धन-धान्य और संपदा के साथ-साथ अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है । मां दुर्गा के इस चतुर्थ रूप कूष्मांडा ने अपने उदर से अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न किया । इसी वजह से दुर्गा के इस स्वरूप का नाम कूष्मांडा पड़ा ।

मां कूष्मांडा के पूजन से हमारे शरीर का अनाहत चक्रजागृत होता है । इनकी उपासना से हमारेसमस्त रोग व शोक दूर हो जाते हैं । साथ ही, भक्तों को आयु, यश, बल और आरोग्य के साथ-साथ सभी भौतिक और आध्यात्मिक सुख भी प्राप्त होते हैं ।

नवरात्रि के चौथे दिन यानी चतुर्थी तिथि को माता दुर्गा को मालपुआ का भोग लगाएं । इससे समस्याओं का अंत होता है ।

कर्ज-निवारण व धन-वृद्धि हेतु रखें इन बातों का विशेष ध्यान

झाडू को कभी पैर न लगायें ।

भोजन बनाने के बाद तवा, कढ़ाई या अन्य बर्तन चूल्हे से उतारकर नीचे रखें ।

घर के दरवाजे को कभी भी पैर से ठोकर मार के न खोलें ।

देहली (दहलीज) पर बैठकर कभी भोजन न करें ।
सुबह शाम की पहली रोटी गाय के लिए बनायें व समय-अनुकूलता अनुसार खिला दें ।

घर के बड़ों को प्रणाम करें । उनके आशीर्वाद से घर में बरकत आती है ।

रसोईघर में जूठे बर्तन कभी भी नहीं रखें तथा रात्रि में जूठे बर्तन साफ करके ही रखें ।

घर में गलत जगह शौचालय बन गया हो तो शौचालय में नमक रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव दूर होता है । नमक को शौचालय के अलावा कहीं भी खुला न रखें । इससे धन-नाश होता है ।

घर की नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) दूर करने के लिए हफ्ते में एक बार नमक मिले पानी से पोंछा लगायें ।

घर में जितनी भी घड़ियाँ हों उन्हें चालू रखें, बंद होने पर तुरंत ठीक करायें, धनागम अच्छा होगा ।

घर की छत पर टूटी कुर्सियाँ, बंद घड़ियाँ, गत्ते के खाली डिब्बे, बोतलें, मूर्तियाँ या कबाड़ नहीं रखना चाहिए ।

घर में जाला या काई न लगने दें ।

घर की दीवारों व फर्श पर पेंसिल, चाक आदि के निशान होने से कर्ज चढ़ता है । निशान हों तो मिटा दें ।

बाधाओं से सुरक्षा हेतु हल्दी व चावल पीसकर उसके घोल से या केवल हल्दी से घर के प्रवेश द्वार पर ॐ बना दें ।

प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय के पूर्व उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें । असत्य वचन न बोलें । पूजाघर में दीपक व गौ-चंदन धूपबत्ती जलायें । हो सके तो ताजे पुष्प चढ़ायें और तुलसी या रुद्राक्ष की माला से अपने गुरुमंत्र का कम से कम १००० बार (१० माला) जप करें । जिन्होंने मंत्रदीक्षा नहीं ली हो वे जो भी भगवन्नाम प्रिय लगता हो उसका जप करें ।*

 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग

शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)

हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)

आर्थिक कष्ट निवारण हेतु

एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
Accherishtey
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