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दिनांक 26 जून 2022
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत – 1944
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – आषाढ़ ( गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार ज्येष्ठ )
पक्ष – कृष्ण
तिथि – त्रयोदशी रात्रि 03:25 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
नक्षत्र – कृतिका दोपहर 01:06 तक तत्पश्चात रोहिणी
योग – शूल पूर्ण रात्रि तक
राहु काल – शाम 05:47 से दोपहर 07:29 तक
सूर्योदय – 05:56
सूर्यास्त – 07:29
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04:32 से 05:14 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:22 से 01:04 तक
व्रत पर्व विवरण – प्रदोष व्रत
विशेष – त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है ।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
रविवार विशेष
रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।
स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्ष करना निषेध है ।
रविवार के दिन तुलसी पत्त्ता तोड़ना वर्जित है ।
कोई आपको शत्रु मान के परेशान करता हो तो …
कोई आपको शत्रु मान के परेशान करता हो तो प्रतिदिन प्रात:काल पीपल के नीचे वृक्ष के दक्षिण की ओर अरंडी के तेल का दीपक जलायें तथा थोड़ी देर गुरुमंत्र या भगवन्नाम जपें और उस व्यक्ति को भगवान सद्बुद्धि दें तथा मेरा, उसका-सबका मंगल हो ऐसी प्रार्थना करें । कुछ दिनों तक ऐसा करने से शत्रु शनै: शनै : दब जाते हैं व शत्रु पीड़ा धीरे-धीरे दूर हो जाती है ।
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