दिनांक – 30 मार्च 2023
दिन – गुरुवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत
मास – चैत्र
पक्ष – शुक्ल
तिथि – नवमी रात्रि 11:30 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र – पुनर्वसु रात्रि 10:59 तक तत्पश्चात पुष्य
योग – अतिगण्ड रात्रि 01:03 तक तत्पश्चात सुकर्मा
राहु काल – दोपहर 02:17 से 03:49 तक
सूर्योदय – 06:34
सूर्यास्त – 06:54
दिशा शूल – दक्षिण दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:01 से 05:48 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:21 से 01:07 तक
व्रत पर्व विवरण -श्रीराम नवमी, गुरुपुष्यामृत योग ( रात्रि 10:59 से 31 मार्च सूर्योदय तक ), श्री सहजानंद स्वामी जयंती
विशेष – नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
श्री राम नवमी – 30 मार्च 2023
करोड़ों सूर्यग्रहण से अधिक फलदायक है यह व्रत – श्रीरामनवमी
पुनर्वसु नक्षत्र और रामनवमी का योग बड़ा दुर्लभ और अद्भुत है । सूर्यग्रहण के समय भगवन्नाम-जप का १० लाख गुना फल होता है परंतु इस पुनर्वसु नक्षत्र युक्त रामनवमी में ध्यान, जप, उपवास का करोड़ों सूर्यग्रहण से अधिक फल होता है ।
नवरात्रि पारण कब करें ?
शंका होगी कि ‘नवमी को नवरात्रि का व्रत खोलना, पारायण करना है फिर यह रामनवमी उपवास कैसे शुरू करें ?”*
तो नवमी को नवरात्रि का उपवास मानसिक रूप से खोल के थोड़ा-सा फलाहार जैसा प्रसाद ले लिया फिर ‘आज रामनवमी का व्रत रख रहा हूँ’ ऐसा संकल्प करके व्रत कर लिया । उपवास दशमी को खोलना है ।
त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री रामजी का जन्म हुआ था । इसलिए भारत सहित अन्य देशों में भी हिंदू धर्म को मानने वाले इस पर्व को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से हर इच्छा पूरी हो सकती है ।
श्रीराम नवमी की सुबह किसी राम मंदिर में जाकर अथवा अपने घर में ही गुरुदेव के तस्वीरे सामने बैठ के राम रक्षा स्त्रोत का 11 बार पाठ करें । हर समस्याओं का समाधान हो जाएगा ।
दक्षिणावर्ती शंख में दूध व केसर डालकर श्रीरामजी की मूर्ति का अभिषेक करें । इससे धन लाभ हो सकता है ।
इस दिन बंदरों को चना, केले व अन्य फल खिलाएं । इससे आपकी हर मनोकामना पुरी हो सकती है ।
श्रीराम नवमी की शाम को तुलसी के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाऐं । इससे घर में सुख-शांति रहेगी ।
इस दिन भगवान श्रीरामजी को विभिन्न अनाजों का भोग लगाएँ और बाद में इसे गरीबों में बांट दें । इससे घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी ।
इस दिन भगवान श्रीरामजी के साथ माता सीता की भी पूजा करें । इससे दांपत्य जीवन सुखी रहता है ।
भगवान श्रीरामजी के मंदिर के शिखर पर ध्वजा यानी झंडा लगवाएं । इससे आपको मान-सम्मान व प्रसिद्धि मिलेगी ।
30 मार्च 2023 : गुरुपुष्यामृत योग
पुण्य काल – 30 मार्च रात्रि 10:59 से 31 मार्च सूर्योदय तक
पुष्य नक्षत्र का गुरुवार से योग होने पर वह अति दुर्लभ ‘गुरुपुष्यामृत योग’ कहलाता है ।
गुरुपुष्यामृत योग व्यापारिक कार्यों के लिए तो विशेष लाभदायी माना गया है ।
गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है ।
गुरुपुष्यामृत योग में विद्या एवं धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ करना, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना शुभ होता है ।
गुरुपुष्यामृत योग में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित है ।
से बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में ?
बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्यामृत योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें ।
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