Aaj Ka Panchang 31 January 2023: जानिए राहु काल, तिथि और शुभ-अशुभ मुहूर्त
Aaj Ka Panchang 31 January 2023: हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग भी कहा जाता है. पंचांग के माध्यम से ही काल और वक्त की गणना की जाती है।

आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक – 31 जनवरी 2023
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – शिशिर
मास – माघ
पक्ष – शुक्ल
तिथि – दशमी सुबह 11:53 तक तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र – रोहिणी रात्रि 12:39 तक तत्पश्चात मृगशिरा
योग – ब्रह्म सुबह 10:59 तक तत्पश्चात इन्द्र
राहु काल – दोपहर 03:40 से 05:03 तक
सूर्योदय – 07:20
सूर्यास्त – 06:26
दिशा शूल – उत्तर दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:37 से 06:28 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:27 से 01:19 तक
व्रत पर्व विवरण –
विशेष – दशमी को कलंबी शाक खाना त्याज्य है । एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
एकादशी तिथि में चावल खाना और खिलाना वर्जित है ।
जया एकादशी – 01 फरवरी 2023
एकादशी तिथि के समय अवधि : 31 जनवरी सुबह 11:53 से 01 फरवरी दोपहर 02:01 तक ।
व्रत उपवास 01 फरवरी बुधवार को रखा जायेगा ।
एकादशी व्रत के लाभ
एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
सर्दियों के लिए बल व पुष्टि का खजाना
रात को भिगोयी हुई १ चम्मच उड़द की डाल सुबह महीन पीसकर उसमें २ चम्मच शुद्ध शहद मिला के चाटें ।१ – १.३० घंटे बाद मिश्रीयुक्त दूध पियें । पूरी सर्दी यह प्रयोग करने से शरीर बलिष्ठ और सुडौल बनता है तथा वीर्य की वृद्धि होती है ।
दूध के साथ शतावरी का २ – ३ ग्राम चूर्ण लेने से दुबले-पतले व्यक्ति, विशेषत: महिलाएँ कुछ ही दिनों में पुष्ट जो जाती हैं । यह चूर्ण स्नायु संस्थान को भी शक्ति देता हैं ।
रात को भिगोयी हुई ५ – ७ खजूर सुबह खाकर दूध पीना या सिंघाड़े का देशी घी में बना हलवा खाना शरीर के लिए पुष्टिकारक है ।
रोज रात को सोते समय भुनी हुई सौंफ खाकर पानी पीने से दिमाग तथा आँखों की कमजोरी में लाभ होता है
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