Aaj Ka Panchang 31 March 2023: जानें शुभ मुहूर्त, दशमी तिथि और शुभ योग कब से कब तक

Today Panchang 31 March 2023 Friday: आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है, साथ ही आज चैत्र नवरात्रि व्रत का पारणा किया जाएगा

दिनांक – 31 मार्च 2023
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत
मास – चैत्र
पक्ष – शुक्ल
तिथि – दशमी रात्रि 01:58 तक तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र – पुष्य रात्रि 01:57 तक तत्पश्चात अश्लेषा
योग – सुकर्मा रात्रि 01:57 तक तत्पश्चात धृति
राहु काल – सुबह 11:11 से 12:44 तक
सूर्योदय – 06:34
सूर्यास्त – 06:55
दिशा शूल – पश्चिम दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:00 से 05:47 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:20 से 01:07 तक
व्रत पर्व विवरण – धर्मराज दशमी
विशेष – दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

आर्थिक स्थिरता व दाम्पत्य सुख का उपाय

यदि आपके जीवन में आर्थिक स्थिरता नहीं है या दाम्पत्य सुख में कमी है तो आप ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस मंत्र की २१ दिन तक रुद्राक्ष या तुलसी माला से प्रतिदिन ११ माला करें ।

विनियोग : ॐ अस्य वासुदेवद्वादशाक्षरमहामन्त्रस्य, प्रजापतिः ऋषिः, गायत्री छन्दः, वासुदेवः परमात्मा देवता, परमात्मप्राप्ति अर्थे, आर्थिकस्थिरताप्राप्ति अर्थे, दाम्पत्यसुखप्राप्ति अर्थे च जपे विनियोगः ।

पूज्य बापूजी के सत्संग में आता है : “विनियोग करके जप किया जाता है तो मंत्र बहुत शक्तिशाली हो जाता है।” गुरुपुष्यामृत योग से अनुष्ठान का प्रारम्भ करें । अनुष्ठान के दौरान एक निश्चित स्थान व नियत समय पर दीपक व गौ-चंदन धूपबत्ती जला के जप करने से विशेष लाभ होगा ।

(गुरुपुष्यामृत योगों के दिनांक : ३० मार्च, २७ अप्रैल, २५ मई, २८ दिसम्बर । )

धर्मराज दशमी – 31 मार्च 2023

विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि जिनके परिवार में ज्यादा बीमारी रहते हैं, जल्दी-जल्दी किसी की मृत्यु हो जाती है वे लोग शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन (दशमी तिथि के स्वामी यमराज है मृत्यु के देवता) यानी 31 मार्च 2023 शुक्रवार को भगवान धर्मराज यमराज का मानसिक पूजन करें और हो सके तो घी की आहुति दें ।

एक दिन पहले से हवन की छोटी सी व्यवस्था कर लेना घी से आहुति डाले इससे दीर्घायु, आरोग्य और ऐश्वर्य तीनों की वृद्धि होती है विष्णु धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है । आहुति डालते समय ये मंत्र बोले–
[ ध्यान रखे जिसके घर में तकलीफे है वो जरुर आहुति डाले और डालते समय स्वाहा बोले और जो आहुति न डाले तो वो नम: बोले । ] ॐ यमाय नम:
ॐ धर्मराजाय नम:
ॐ मृत्यवे नम:
ॐ अन्तकाय नम:
ॐ कालाय नम:
ये पाँच मंत्र बोले ज्यादा देर तक आहुति डाले तो भी अच्छा है ।

कामदा एकादशी – 02 अप्रैल 2023

एकादशी 31 मार्च रात्रि 01:58 (01 अप्रैल 01:58 A.M.) से 02 अप्रैल प्रातः 04:19 तक है ।

व्रत उपवास 02 अप्रैल 2023 रविवार को रखा जायेगा ।

01 एवं 02 अप्रैल दो दिन चावल खाना और खिलाना निषेध है ।

एकादशी व्रत कब रखना इसके पीछे शास्त्रों की सम्मति

भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय एकादशी आदि व्रतों को बेध रहित तिथियों में ही करना चाहिए अर्थात शुद्ध एकादशी में ही व्रत करना चाहिए ।

एकादशी दो प्रकार की होती है सम्पूर्णा तथा विद्धा इसमे विद्धा भी दो प्रकार की होती है पूर्व विद्धा और पर विद्धा ।

पूर्व विद्धा अर्थात दशमी मिश्रित एकादशी परित्यज्य है । सम्पूर्णा एवं विशेष रूप से पर विद्धा (द्वादशी युक्त एकादशी) शुद्ध होने के कारण उपवास योग्य है किन्तु दशमी युक्त एकादशी में कभी भी उपवास नहीं करना चाहिए । – सौरधर्मोत्तर

अरुणोदय काल में अर्थात सूर्योदय से पहले चार दण्ड काल (सूर्योदय से 1 घण्टा 36 मिनट पहले) में यदि दशमी नाममात्र भी रहे तो उक्त एकादशी पूर्व विद्धा दोष से दोषयुक्त होने के कारण सर्वथा वर्जनीय (वर्जित) है । – भविष्य पुराण

द्वादशी मिश्रित एकादशी सर्वदा ही ग्रहण योग्य है । “द्वादशी मिश्रित ग्राह्या सर्वत्रैकादशी तिथिः” – पद्मपुराण

नारद पुराण में वर्णित है कि जिस समय बहुवाक्य विरोध के कारण संदेह उपस्थित हो उस समय द्वादशी में उपवास करते हुए त्रयोदशी में पारण करना चाहिए किन्तु “जिस शास्त्र में दशमी विद्धा एकादशी पालन कि बात कही गयी है वह स्वयं ब्रह्मा जी द्वारा कहे होने पर भी शास्त्र रूप में गण्य नहीं है”। – नारद पुराण

अरुणोदयकाल में दशमी के वेध से रहित एकादशी हो तब उसे शुद्धा एकादशी माना जाता है । – धर्मसिंधु

अग्नि पुराण के अनुसार द्वादशी “विद्धा” एकादशी में स्वयं श्रीहरि स्थित होते हैं, इसलिये द्वादशी “विद्धा” एकादशी के व्रत का त्रयोदशी को पारण करने से मनुष्य सौ यज्ञों का पुण्यफल प्राप्त करता हैं । जिस दिन के पूर्वभाग में एकादशी क्लामात्र अविशिष्ट हो और शेषभाग द्वादशी व्याप्त हो, उस दिन एकादशी का व्रत करके त्रयोदशी में पारण करने से सौ

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