दिनांक 06 मई 2022
दिन – शुक्रवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्
मास – वैशाख
पक्ष – शुक्ल
तिथि – पंचमी दोपहर 12:32 बजे तक तत्पश्चात षष्टी
नक्षत्र – आर्द्रा सुबह 09:20 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
योग – धृति शाम 07:07 तक तत्पश्चात शूल
राहुकाल – सुबह 10:58 से दोपहर 12:36 तक
सूर्योदय – 06:04
सूर्यास्त – 07:09
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:36 से 05:20 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.14 से 12:58 तक
व्रत पर्व विवरण – श्रीमद आद्य शंकराचार्य जयंती , सूरदास जयंती
विशेष– पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
वायु की तकलीफ
१. गाय के दूध से कोलेस्ट्रोल नही बढ़ेगा..काली गाय का दूध वायु नाशक होता है ।
२. देसी आम पाचन मे अच्छा और वायुनाशक और बुढ़ापे को दूर रखता है..कलमी आम नही ।
३.बड़ी उमर मे वायु की तकलीफ सभी को होती है..वायु से घुटने का दर्द , डकार आदि ५२ प्रकार की वायु की बीमारियाँ होती है…इस पर एक प्राकृतिक इलाज है..
नीम के पत्ते १२ से १५ ग्राम.. कोमल नीम के पत्ते+ एक/दो कला मिर्च सुबह चबा के पानी पिए और रात को ५० ग्राम गुड + १० ग्राम देसी घी मिलाकर खाए….
तलसी माला की महिमा
1. श्यामा तुलसी की माला धारण करने से विशेष रूप से मानसिक शांति प्राप्त होती है, ईश्वर के प्रति श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, मन में सकारात्मक भावना का विकास होता है, आध्यात्मिक उन्नति के साथ ही पारिवारिक तथा भौतिक उन्नति होती है।*
2.रामा तुलसी की माला को धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि तथा सात्विक भावनाएं जागृत होती हैं। अपने कर्तव्यपालन के प्रति मदद मिलती है।
3.तुलसी की माला में विद्युत शक्ति होती है। तुलसी की माला पहनने से बुखार, जुकाम, सिरदर्द, चमड़ी के रोगों में भी लाभ मिलता है। संक्रामक बीमारी और अकाल मौत भी नहीं होती ।
4.तुलसी माला पहनने से व्यक्ति की पाचन शक्ति, तेज बुखार, दिमाग की बीमारियों एवं वायु संबंधित अनेक रोगों में लाभ मिलता है।
5.तुलसी की माला पहनने से यश, कीर्ति और सौभाग्य बढ़ता है। तुलसी का पत्ता खाते रहने से किसी भी प्रकार का रोग और शोक नहीं होता।*
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