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Aaj ka Panchang 28 April: लक्ष्मी जी की पूजा का शुक्रवार को बना उत्तम संयोग, जानें पंचांग

Aaj ka Panchang 28 April: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 28 अप्रैल 2023

दिन – शुक्रवार

विक्रम संवत् – 2080

शक संवत् – 1945

अयन – उत्तरायण

ऋतु – ग्रीष्म

मास – वैशाख

पक्ष – शुक्ल

तिथि – अष्टमी शाम 04:01 तक तत्पश्चात नवमी

नक्षत्र – पुष्य सुबह 09:53 तक तत्पश्चात अश्लेषा

योग – शूल सुबह 09:39 तक तत्पश्चात गंड

राहु काल – सुबह 11:00 से 12:37 तक

सूर्योदय – 06:09

सूर्यास्त – 07:06

दिशा शूल – पश्चिम दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:41 से 05:25 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:15 से 12:59 तक

व्रत पर्व विवरण –

विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि हेतु

देशी गाय के गोबर का छोटा-सा दीपक बनाकर उसमें गुड़ की डली तथा गाय का घी या तिल का तेल डालें । फिर ज्योति जलाकर उसे घर के मुख्य द्वार के निकट रख दें । परब्रह्म-प्रकाशस्वरूपा दीपज्योति को नमस्कार करके प्रार्थना करें । इससे घर के वातावरण में सात्विक ऊर्जा बनेगी और घर में सुख-समृद्धि सदैव बनी रहेगी ।*

गर्मियों में विशेष उपयोगी-पुदीना

पुदीना गर्मियों में विशेष उपयोगी एक सुगंधित औषध है  यह रुचिकर, पचने में हलका, तीक्ष्ण, ह्रदय-उत्तेजक, विकृत कफ को बाहर लानेवाला, गर्भाशय-संकोचक बी चित्त को प्रसन्न करनेवाला हैं ।*

पुदीने के सेवन से भूख खुलकर लगती है और वायु का शमन होता हैं । यह पेट के विकारों में विशेष लाभकारी है । श्वास, मुत्राल्पता तथा त्वचा के रोगों में भी यह उपयुक्त है ।*

औषधि प्रयोग

१] पेट के रोग : अपच, अजीर्ण, अरुचि, मंदाग्नि, अफरा, पेचिश, पेट में मरोड़, अतिसार, उलटियाँ, खट्टी डकारें आदि में पुदीने के रस में जीरे का चूर्ण व आधे नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है ।

२] मासिक धर्म : पुदीने को उबालकर पीने से मासिक धर्म की पीड़ा तथा अल्प मासिक स्राव में लाभ होता है । अधिक मासिक स्त्राव में यह प्रयोग न करें ।

३] गर्मियों में : गर्मी के कारण व्याकुलता बढ़ने पर एक गिलास ठंडे पानी में पुदीने का रस तथा मिश्री मिलाकर पीने से शीतलता आती है ।

४] पाचक चटनी : ताजा पुदीना, काली मिर्च, अदरक, सेंधा नमक, काली द्राक्ष और जीरा – इन सबकी चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस निचोड़ कर खाने ने रूचि उत्पन्न होती है, वायु दूर होकर पाचनशक्ति तेज होती है । पेट के अन्य रोगों में भी लाभकारी है ।

५] उलटी-दस्त, हैजा : पुदीने के रस में नींबू का रस, अदरक का रस एवं शहद मिलाकर पिलाने से लाभ होता है ।

६] सिरदर्द : पुदीना पीसकर ललाट पर लेप करें तथा पुदीने का शरबत पिएं ।

७] ज्वर आदि : गर्मी में जुकाम, खाँसी व ज्वर होने पर पुदीना उबाल के पीने से लाभ होता है ।

८] नकसीर : नाक में पुदीने के रस की ३ बूँद डालने से रक्तस्त्राव बंद हो जाता है ।

९] मूत्र-अवरोध : पुदीने के पत्ते और मिश्री पीसकर १ गिलास ठंडे पानी में मिलाकर पिएं ।

१०] गर्मी की फुंसियाँ : समान मात्रा में सूखा पुदीना एंव मिश्री पीसकर रख लें । रोज प्रात: आधा गिलास पानी में ४ चम्मच मिलाकर पिएं ।

११] हिचकी : पुदीने या नींबू के रस-सेवन से राहत मिलती है ।

विशेषः पुदीने का ताजा रस लेने की मात्रा है 5 से 20 ग्राम । पत्तों का चूर्ण लेने की मात्रा 3 से 6 ग्राम । काढ़ा लेने की मात्रा 20 से 40 ग्राम । अर्क लेने की मात्रा 20 से 40 ग्राम । बीज का तेल लेने की मात्रा आधी बूँद से 3 बूँद ।

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