धर्म

Daily Panchang 29 March: लाल फलों व गेंहू का दान करें, जानें मंगलवार का शुभ और अशुभ मुहूर्त

Daily Panchang 29 March: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 29 मार्च 2022

दिन – मंगलवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत – 1943

अयन – उत्तरायण

ऋतु – वसंत

मास – चैत्र

पक्ष – कृष्ण

तिथि – द्वादशी अपरान्ह 02:38 तक तपश्चात त्रयोदशी

नक्षत्र – धनिष्ठा दोपहर 11:28 तक तपश्चात शतभिषा

योग – साध्य अपरान्ह 03:14 तक तत्पश्चात शुभ

राहुकाल – अपरान्ह 03:49 से 05:22 तक

सूर्योदय – 06:35

सूर्यास्त – 06:54

दिशाशूल – उत्तर दिशा में

विजय मुहूर्त – अपरान्ह 2:48 से 3:37 तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 6:42 से 7:06 तक

सायह्न सन्ध्या – शाम 6:54 से रात्रि 8:04 तक

ब्रह्म मुहूर्त– सुबह 05:02 से 05:48 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.21 से 01:07 तक

पारण (एकादशी व्रत तोड़ने का) समय – 29 मार्च सुबह 06:35 से 09:03 तक

द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

द्वादशी को जो मनुष्य तुलसी का पत्ता तोड़ता है, वह मानो भगवान श्रीहरि का मस्तक छेदन करता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, प्रकृति खंडः 21.50.51)

व्रत पर्व विवरण – भौम प्रदोष व्रत मार्च 29- 2022, मंगलवार को शाम 06:54 से रात्रि 09:14 तक

आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो

29 मार्च 2022 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है । किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और ५ बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें :

 ये मंत्र बोले :–

ॐ भौमाय नमः
ॐ मंगलाय नमः
ॐ भुजाय नमः
ॐ रुन्ह्र्ताय नमः
ॐ भूमिपुत्राय नमः
ॐ अंगारकाय नमः

और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-
धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम |
कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ||

कर्ज-निवारक कुंजी भौम प्रदोष व्रत

त्रयोदशी को मंगलवार उसे भौम प्रदोष कहते हैं ….इस दिन नमक, मिर्च नहीं खाना चाहिये, इससे जल्दी फायदा होता है | मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। इस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें। पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –
मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्। जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।।
श्री सुरेशानंदजी – हरिद्वार 29th March’10

वारुणी योग

30 मार्च वारुणी योग (सूर्योदय से दोपहर 10-48 तक) वारुणी योग के दिन गंगादि तीर्थ में स्नान, दान, उपवास 100 सूर्यग्रहणों के समान फलदायी है ।

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