गंगा दशहरा, जिसको गंगावतरण के नाम से भी जानते है, देश में बड़े ही उत्साह और भक्ति के साथ बनाए जाने वाला एक एहम हिंदू त्योहार है। यह गंगा नदी के पृथ्वी पर आने का चिह्न है, मान्यता है कि यह इस शुभ दिन पर हुआ था। गंगा दशहरा ज्येष्ठ के हिंदू कैलेंडर माह में बढ़ते चंद्रमा के दसवें दिन को होता है। त्योहार दस दिनों की अवधि में फैला है, जिसमें पूर्ववर्ती नौ दिनों का उत्सव शामिल है। गहरे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ, गंगा दशहरा भक्तों के दिलों में एक खास स्थान रखता है, जो गंगा किनारे पूजा करने, अनुष्ठान करने और पवित्र नदी से आशीर्वाद लेने के लिए सब मौजूद होते हैं। तिथि से महत्व तक, यहां आपको इस शुभ मोके के बारे में जानने की आवश्यकता है।
इस साल, गंगा दशहरा, एक ख़ास अवसर, 30 मई, 2023 यानि आज मंगलवार को मनाया जाएगा। गंगा दशहरा ज्येष्ठ के हिंदू कैलेंडर माह में शुक्ल पक्ष के दसवें दिन को पड़ता है, जिसमें उत्सव के पूर्ववर्ती नौ दिनों के साथ यह दस दिनों तक चलता है।
गंगा दशहरा का इतिहास:
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों की आत्माओं को शुद्ध करने तथा उन्हें मोक्ष प्रदान करने की मांग की थी। हालाँकि, जब उन्होंने मदद के लिए भगवान ब्रह्मा से बात कि, तो ब्रह्मा ने भगवान शिव से प्रार्थना करने का निर्देश दिया, जिसमें उन्होंने ये समझाते हुए कि शक्तिशाली गंगा को पृथ्वी पर लाना एक दुर्जेय कार्य था। राजा भागीरथ की प्रार्थनाओं का उत्तर देते हुए, भगवान शिव ने गंगा के शक्तिशाली प्रवाह को नियंत्रित करने में कामयाबी प्राप्त की, जिससे बिना विनाश के पृत्वी पर उसका अवतरण तय हो गया। गंगा दशहरा उस सभी दिन को याद करता है जब गंगा को इस धरती पर आयी थी, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण घटना का प्रतीक है।
गंगा दशहरा महत्व:
त्योहार महान धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व रखता है क्योंकि यह उस पवित्र नदी की सफाई तथा शुद्धिकरण शक्तियों को एक निशान है। भक्त गंगा के किनारे इकट्ठा होते हैं और प्रार्थना करते हैं, अनुष्ठान करते हैं, और आशीर्वाद लेने और खुद को पापों से मुक्त करने के लिए नदी में पवित्र होने के लिए डुबकी लगाते हैं। यह त्यौहार हिंदुओं के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है, क्योंकि ऐसा खा जाता है कि इस दिन पवित्र गंगा जल में डुबकी लगाने से इंसान अपने पिछले सभी पाप को धो सकता है और आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त कर सकता है। गंगा दशहरा न तो केवल जीवन के रूप में बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि के प्रतीक के रूप में, लाखों लोगों के जीवन में गंगा नदी की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है।
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