Ramadan 2022: तो इस दिन से शुरू हो रहा है रमज़ान का पाक महीना
Ramadan 2022: मुस्लिम समाज का पाक महीना रमज़ान शुरू होने वाला है. यदि 1 अप्रेल को चांद नज़र आता है तो रमज़ान 2 अप्रेल से शुरू हो जाएंगे.

Ramadan 2022: मुस्लिम समाज का पाक महीना रमज़ान शुरू होने वाला है. यदि 1 अप्रेल को चांद नज़र आता है तो रमज़ान 2 अप्रेल से शुरू हो जाएंगे. अगर 2 अप्रेल को चांद दिखाई देता है तो 3 तारीख से रमज़ान की शुरूआत हो जाएगी.
बता दें, रमज़ान इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से 9 वां महीना होता है. यह महीना “ईद उल फितर” के साथ खत्म होता है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में ही अल्लाह से पैगंबर मोहम्मद साहब को कुरान की आयतें प्राप्त की थीं.
इसी वजह से मुस्लिम लोग इस महीने में रोज़े रखकर खुदा की इबादत करते हैं. कहा जाता है रमज़ान के पहले 10 दिन रहमत के होते है. मुस्लिम लोग रोज़े के दौरान सुबह से शाम तक उपवास रखते है. फिर इफ्तार यानि कि रोज़ा खोलने के बाद खास तरह की नमाज़ अदा की जाती है.
रोज़दार और खजूर का अटूट रिश्ता
अफ्तार के समय खजूर न हो ऐसा नामुमकिन है, लेकिन क्या आप जानते है कि रोज़ा खजूर से ही क्यों खोला जाता है. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि नबी-ए-करीम सल. भी खजूर से रोजा खोलना पसंद करते थे.
जो उनकी सुन्नतों में से एक है. क्य़ा आप जानते है ? खजूर का जिक्र कुरआन पाक में बीस जगहों पर देखने को मिलता है. रोज़ा रखने की वजह से दिन भर बिना खाए पिए, शरीर मे पानी की कमी और कमज़ोरी महसूस होती है जिसकी भरपायी खजूर से तुरन्त हो जाती है.
इफ्तार और सेहरी में क्या फर्क है?
रमज़ान के महीने में सूरज उगने से पहले खाना खाया जाता है उसे सेहरी कहा जाता है. सेहरी करने के बाद पूरे दिन न तो खाना खाया जा सकता है न ही पानी पिया जा सकता है. शाम को सूरज ढलने के बाद रोज़ा खोलकर नमाज़ पढ़ी जाती है रोज़ा खोलने को ही इफ्तार कहा जाता है आइए आपको बताते है कि इस महीने किन बातों का ध्यान रखा जाता है.
- रोज़े का कायदा यह है कि सेहरी करने के बाद से इफ्तार के बीच में न तो कुछ खाया जा सकता है न ही कुछ पिया जा सकता है.
- रोज़ा रखने का यह मतलब बिल्कुल नही है कि आपको सिर्फ भूखा प्यासा रहना है बल्कि रोज़े के दौरान आपको न तो बुरा देखना होता है, न बुरा सुनना होता है और न ही बुरा बोलना होता हैं.
- रोज़े के दौरान किसी तरह के बुरे विचार या शारीरिक संबंधों के बारे में सोचने पर सख्त मनाही है. यदि रोज़े के दौरान कोई शारीरिक संबंध बनाता है तो रोज़ा टूट जाता है.
- रो़ज़ा रखने वाले व्यक्ति को ये भी ध्यान रखना चाहिए कि गलती से दांतो में अटका खाना गलती से न निगल जाएं वरना रोज़ा टूट जाएंगा
- इस्लाम में साफ तौर पर कहा गया है कि किसी के लिए बुरा मत बोलो, और न ही किसी का दिल दुखाओं इसलिए रमज़ान के दौरान सोच समझ कर बोलना चाहिए.
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