आज का हिन्दू पंचांग 23 फरवरी: आज है कालाष्टमी व्रत, जानें शुभ-अशुभ समय एवं राहुकाल

आज का हिन्दू पंचांग 23 फरवरी: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 23 फरवरी 2022

दिन – बुधवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत -1943

अयन – उत्तरायण

ऋतु – वसंत ऋतु

मास – फाल्गुन (गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार- माघ)

पक्ष – कृष्ण

तिथि – सप्तमी शाम 04:56 तक तत्पश्चात अष्टमी

नक्षत्र – विशाखा दोपहर 02:41 तक तत्पश्चात अनुराधा

योग – ध्रुव सुबह 08:26 तक तत्पश्चात व्याघात

राहुकाल – दोपहर 12:52 से दोपहर 02:19 तक

सूर्योदय – 07:05

सूर्यास्त – 18:39

दिशाशूल – उत्तर दिशा में

व्रत पर्व विवरण – श्रीनाथजी पाटोत्सव (नाथद्वारा), बुधवारी अष्टमी (शाम 4:57 से 24 फरवरी सूर्योदय तक)

विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

बुधवारी अष्टमी

23 फरवरी 2022 बुधवार को (शाम 04:57 से 24 फरवरी सूर्योदय तक) बुधवारी अष्टमी है ।*
मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि

सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।

इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है। (शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)

बाल बढ़ाने के लिए

पहला प्रयोगः स्नान के समय तिल के पत्तों का रस लगाने से, मुलहठी, आँवला या भृंगराज का तेल लगाने से, करेले की जड़ अथवा मेथी को पानी में घिसकर लगाने से, निबौली का तेल लगाने से बाल बढ़ते हैं।
दूसरा प्रयोगः बड़ की पुरानी जटाओं को नींबू के रस में घिसकर अच्छे से लेप करें। आधे घण्टे पश्चात् बाल धो डालें। फिर नारियल का तेल लगायें। ऐसा तीन दिन करने से बालों का झड़ना बंद होता है। बाल लंबे, काले तथा मजबूत होते हैं।

आरोगयनिधि पुस्तक से

धन – सम्पदा के स्थायी निवास हेतु

ॐ ह्रीं गौर्यै नम:

इस मंत्र से ७ बार अभिमंत्रित करके अन्न का भोजन करनेवाले के पास सदा श्री ( धन–सम्पदा ) बनी रहती है | (अग्नि पुराण :३१३.१९,२४ )

ऋषिप्रसाद – फरवरी २०२० से

घर के सदस्य की मृत्यु पर

अगर घर में किसी की मृत्यु हो गई हो तो रोज 12 दिन तक घर की छत पे एक कटोरी में दूध और एक कटोरी में पानी रख के आयें दूसरे दिन सुबह वो पानी और दूध पीपल के मूल में ड़ाल दें ऐसा 12 दिन करने से जिसकी मृत्यु हुई है उसकी आत्मा को शान्ति मिलती है उनका आशीर्वाद घर वालों को मिलता है ।

 

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