दिनांक 19 अप्रैल 2022
दिन – मंगलवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म
मास – वैशाख
पक्ष – कृष्ण
तिथि – तृतीया शाम 04:38 तक तत्पश्चात चतुर्थी
नक्षत्र – अनुराधा रात्रि 01:39 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
योग – व्यतिपात 05:02 तक तत्पश्चात वरियान
राहुकाल – अपरान्ह 03:50 से शाम 05:26 तक
सूर्योदय – 06:16
सूर्यास्त – 07:02
चन्द्रोदय– रात्रि 09:57
दिशाशूल – उत्तर दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 04:46 से 05:32 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.16 से 01:01 तक
व्रत पर्व विवरण – अंगारकी मंगलवारी चतुर्थी ,संकट चतुर्थी, व्यतिपात योग
विशेष – तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
व्यतीपात योग
अप्रैल 18 सोमवार रात्रि 08:25 से अप्रैल 19 मंगलवार शाम 05:09 तक
व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
मंगलवारी चतुर्थी
19 अप्रैल 2022 मंगलवार को शाम 04:39 से 20 अप्रैल सूर्योदय तक अंगारकी- मंगलवारी चतुर्थी है ।
अंगारकी चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना …जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है…
बिना नमक का भोजन करें
मंगल देव का मानसिक आह्वान करो
चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें
कितना भी कर्ज़दार हो ..काम धंधे से बेरोजगार हो ..रोज़ी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा |
संकष्ट चतुर्थी -19 अप्रैल 2022
इस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |
छः मंत्र इस प्रकार हैं –
1.ॐ सुमुखाय नम:
2.ॐ दुर्मुखाय नम:
3.ॐ मोदाय नम:
4.ॐ प्रमोदाय नम:
5.ॐ अविघ्नाय नम:
6.ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
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