आज का हिन्दू पंचांग 3 अप्रैल: आज सूर्य उपासना का है दिवस, राहुकाल में ना करें कोई भी कार्य
आज का हिन्दू पंचांग 3 अप्रैल: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 03 अप्रैल 2022
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत
मास – चैत्र
पक्ष – शुक्ल
तिथि – द्वितीया दोपहर 12:38 तक तपश्चात तृतीया
नक्षत्र – अश्विनी दोपहर 12:37 तक तपश्चात भरणी
योग – वैधृति सुबह 07:54 तक तत्पश्चात विष्कम्भ
राहुकाल – शाम 05:23 से 06:56 तक
सूर्योदय – 06:30
सूर्यास्त – 06:56
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
विजय मुहूर्त – अपरान्ह 2:47 से 3:37 तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 6:43 से 7:07 तक
सायह्न सन्ध्या – शाम 6:55 से रात्रि 8:05 तक
ब्रह्म मुहूर्त– सुबह 04:58 से 05:44 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12.19 से 01:06 तक
अभिजित मुहुर्त– दोपहर 12:19 से 01:08 तक
व्रत पर्व विवरण – मत्स्य जयन्ती ( भगवान विष्णु के प्रथम अवतार )
द्वितीया को बृहती (छोटा वैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
चैत्र नवरात्रि
नवरात्रि की द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानी तप की शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही, सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं।
नवरात्रि की द्वितीया तिथि यानी दूसरे दिन माता दुर्गा को शक्कर का भोग लगाएं ।इससे उम्र लंबी होती है ।
लक्षमी प्राप्ति साधना
श्रीमद् देवीभागवत में वर्णित नवरात्रि में जप से श्रेष्ठ लक्ष्मीप्राप्ति का दुर्लभ मंत्र ।
नवरात्रि में मंत्र जप से श्रेष्ठ लक्ष्मी- प्राप्ति होती है |और जप का मंत्र बताया गया है। इस मंत्र से लक्ष्मी जी महालक्ष्मी होकर भोग और मोक्ष देनेवाली बनती है |
मंत्र – “ॐ श्रीं ह्रीं क्लिं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा”
सप्तमी, अष्टमी, नवमी ये 3 दिन , व्यास जी ने कहा कि ये 3 दिन का जप, पूजन , व्रत करे तो नवरात्रि का फल प्राप्त होगा | ब्रम्हचर्य का पालन , दिया जलाकर प्राणायाम आदि करके माता की प्रसन्नता , शक्ति की उपासना का ये मंत्र है |ॐ बीज मंत्र है , बड़ा शक्तिशाली है |श्रीं भी बीज मंत्र है । ह्रीं भी बीज मंत्र है | क्लिं भी बीज मंत्र है । ऐं भी बीज मंत्र है | इसमें 5 बीज मंत्र है |
इन बीज मंत्रों में दैविक शक्तियों के पुंज के पुंज छिपे है और आपके अन्दर जो केंद्र है उनको ये बीज मंत्र सेंसिटिव करेंगे, प्रभावित करेंगे |
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