आज का हिन्दू पंचांग 29 जून: स्नान-दान अमावस्या आज, जानें शुभ-अशुभ समय और राहुकाल
आज का हिन्दू पंचांग 29 जून: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक 29 जून 2022
दिन – बुधवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत – 1944
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – वर्षा
मास – आषाढ़ ( गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार ज्येष्ठ )
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अमावस्या सुबह 08:21 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र – आर्द्रा रात्रि 10:09 तक तत्पश्चात पुनर्वसु
योग – वृद्धि सुबह 08:51 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहु काल – दोपहर 12:43 से 02:25 तक
सूर्योदय – 05:57
सूर्यास्त – 07:29
दिशा शूल – उत्तर दिशा में
ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04:33 से 05:15 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:22 से 01:04 तक
व्रत पर्व विवरण – अमावस्या
विशेष – अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है ।* *(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
लक्ष्मी के नाराज होने के कारण
१] कमल-पुष्प, बिल्वपत्र को लाँघने अथवा पैरों से कुचलने पर लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती हैं ।
२] जो निर्वस्त्र होकर स्नान करता है, नदियों, तालाबों के जल में मल-मूत्र त्यागता है उसको लक्ष्मी अपने शत्रु कर्ज के हवाले कर देती हैं ।
३] जो भूमि या भवन की दीवारों पर अनावश्यक लिखता है, कुत्सित अन्न खाता है उस पर भी लक्ष्मी कृपा नहीं करती हैं ।
४] जो पैर से पैर रगडकर धोता है, अतिथियों का सम्मान नहीं करता, याचकों को दुत्कारता है, पशु-पक्षियों को चारा, दाना आदि नहीं डालता है, गाय पर प्रहार करता है, ऐसे व्यक्ति को लक्ष्मी तुरंत छोड़ देती हैं ।
५] जो संध्या के समय घर-प्रतिष्ठान में झाड़ू लगाता है, जो प्रात: एवं संध्याकाल में ईश्वर की आराधना नहीं करता, तुलसी के पौधे की उपेक्षा, अनादर करता है उसको लक्ष्मी उसके दुर्भाग्य के हाथों में सौंप देती हैं ।* *ऋषिप्रसाद – जून २०१९ से
अमावस्या 29 जून (सुबह 08:21 तक ) सुर्योदय के समय में चालू रहता है इसलिए अमावस्या के सभी नियम पालनीय
अमावस्या ( 29 जून ) के दिन ध्यान रखने की बात
1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।*
2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ” ब्रम्ह हत्या ” का पाप लगता है ! -विष्णु पुराण*
3. अमावस्या के दिन तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
4. जमीन है अपनी… खेती का काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।
5. जप करें, भगवत गीता का ७ वां अध्याय अमावस्या को पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें, आज जो मैंने पाठ किया …अमावस्या के दिन, मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । ” तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी ।
6. कर्जा हो गया है तो, अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दें, समृद्धि बढ़ेगी ।
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