धर्म

आज का हिन्दू पंचांग 12 मार्च: शनि देव को प्रसन्न करने का है दिन, जानें आज की तिथि

आज का हिन्दू पंचांग 12 मार्च: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक- 12 मार्च 2022

दिन – शनिवार

विक्रम संवत – 2078

शक संवत – 1943

अयन – उत्तरायण

ऋतु – वसंत

मास – फाल्गुन

पक्ष – शुक्ल

तिथि – नवमी 8:07 ए. एम. तक ततपश्चात दशमी

नक्षत्र – आर्द्रा 5:32 पी. एम तक तपश्चात पुर्नवसु

योग – सौभाग्य 3:55 ए. एम मार्च 13 तत्पश्चात शोभन

राहुकाल -9:51 ए.एम से 11:20 ए.एम. तक

सूर्योदय – 06:52

सूर्यास्त – 18:47

चन्द्रोदय – 01:25 पी.एम.

चन्द्रोस्त – 3:31 ए.एम मार्च 13

दिशाशूल – पूर्व

विजय मुहूर्त – 2:49 पी.एम. से 3:37 पी.एम

 गोधूलि मुहूर्त – 6:36 पी.एम से 7:00 पी.एम

 सायह्न सन्ध्या – 6:47 पी.एम से 8:00 पी.एम

दिन के चौघड़िया

6:52 से 8:21 काल – हानि
8:21 से 9:51 उद्वेग-अशुभ
9:51 से 11:20 शुभ – उत्तम
11:20 से 12:50 उद्वेग-अशुभ
12:50 से 2:19 चर – सामान्य
2:19 से 3:49 लाभ – उन्नति
3:49 से 5:18 अमृत- सर्वोत्तम
5:18 से 6:47 काल – हानि

रात के चौघड़िया

6:47 से 8:18 लाभ – उन्नति
8:18 से 9:48 उद्वेग-अशुभ
9:48 से 11:19 शुभ – उत्तम
11:19 से 12:49 अमृत- सर्वोत्तम
12:49 से 2:20 चर – सामान्य
2:20 से 3:50 रोग- अमंगल
3:50 से 5:20 काल – हानि
5:20 से 6:51 लाभ – उन्नति

 व्रत पर्व विवरण

  1.  ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
  2. शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
  3.  हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)

 भविष्य पुराण 

भविष्य पुराण में माना गया है कि हर इंसान को उसके शरीर, मन व बातों से किए गए पापों को भोगना पड़ता है। उसमें भी कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें महापाप माना गया है। आइए जानते हैं पांच ऐसे ही महापापों के बारे में जिन्हें करने वालों को नरक में सबसे ज्यादा यातनाएं झेलनी पड़ती है।

ये हैं 5 सबसे बड़े पाप, इन्हें करने वालें को नर्क में मिलती है सबसे ज्यादा सजा

 अनीति का धन

किसी को ठग कर गलत काम कर या किसी के हिस्से की वस्तु को चुराकर धन एकत्रित करना और धन का दान न करने वाले को भी भविष्यपुराण में महापापी माना गया है।

गुरु से धोखाधड़ी

गुरु मनुष्य को अच्छे-बुरे का ज्ञान देते है। गुरु को पिता के समान मानना चाहिए। गुरु के साथ कभी भी कंपट एवं धोखाधड़ी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना सबसे बड़ा पाप माना गया है। ऐसे इंसान को उसके पापों की सजा मिलती है।

 पशुओं पर अत्याचार

पशुओं पर अत्याचार करना, ब्राह्मण की हत्या या उसका अपमान करना, नौकरों से बुरा व्यवहार करने वाले मनुष्य को भी कुंभीपाक नाम के नर्क की यातना सहनी पड़ती है। इसलिए भुलकर भी ये महापाप नहीं करना चाहिए।

 शराब पीना

शराब में तीन प्रकार के पाप बताएँ गए है।स्त्री हो या पुरुष सभी को शराब व अन्य मादक पदार्थों से दुर रहना चाहिए।किसी भी तरह की शराब पीने से मनुष्य महापाप का भागी बन जाता है।

चोरी करना

जो मनुष्य दुसरों की वस्तु हड़पने या चुराने की कोशिश करता है, वह पापी माना गया है। चोरी करने वाले इंसान या ऐसे काम में साथ देने वाले को नर्क में दुःख भोगने पड़ते है।इसलिए मनुष्य को कभी भी ये महापाप नहीं करना चाहिए।

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