धर्म

आज का हिन्दू पंचांग 15 अक्टूबर: शनि देव की पाएं कृपा, जानें इस दिन की तिथि

आज का हिन्दू पंचांग 15 अक्टूबर: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 15 अक्टूबर 2022

दिन – शनिवार

विक्रम संवत् – 2079

शक संवत् – 1944

अयन – दक्षिणायन

ऋतु – शरद

मास – कार्तिक (गुजरात एवं महाराष्ट्र में अश्विन मास)

पक्ष – कृष्ण

तिथि – षष्ठी (वृद्धि तिथि) पूर्ण रात्रि तक

नक्षत्र – मृगशिरा रत्रि 11:22 तक तत्पश्चात आर्द्रा

योग – वरियान दोपहर 02:25 तक तत्पश्चात परिघ

राहु काल – सुबह 09:31 से 10:58 तक

सूर्योदय – 06:36

सूर्यास्त – 06:14

दिशा शूल – पूर्व दिशा में

ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:57 से 05:47 तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:01 से 12:50 तक

व्रत पर्व विवरण

विशेष – षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)

रविवारी सप्तमी : 16 अक्टूबर 2022

पुण्यकाल : 16 अक्टूबर सुबह 07:04 से 17 अक्टूबर सूर्योदय तक

इस दिन किया गया जप-ध्यान का लाख गुना फल होता है ।

रविवार सप्तमी के दिन अगर कोई नमक-मिर्च बिना का भोजन करे और सूर्य भगवान की पूजा करे, तो घातक बीमारियाँ दूर हो सकती हैं

 शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 

शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)

हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)

आर्थिक कष्ट निवारण हेतु

एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*

स्वस्थ व मजबूत दाँतों के लिए क्या करें ?

*१] दाँतों की सफाई के लिए दातुन या आयुर्वेदिक मंजन का उपयोग करें | मंजन मध्यमा (सबसे बड़ी) ऊँगली से करें ।

२] हफ्ते या १५ दिन में एक दिन सरसों के तेल में नमक मिला के ऊँगली से दाँतों व मसूड़ों की अच्छी तरह मालिश करें ।

३] शौच के समय दाँतों को अच्छी तरह भींचकर बैठने से दाँत स्वस्थ रहते हैं ।

४] सोने से पहले व भोजन के बाद दाँतों को अच्छे-से साफ करना चाहिए ।

क्या न करें ?

१] तर्जनी ऊँगली (अँगूठे के पासवाली पहली ऊँगली) से मंजन कभी नही करना चाहिए, इससे दाँत कमजोर होते हैं ।

२] बहुत ठंडे या बहुत गर्म पदार्थों का सेवन न करें, यह दाँतों को हानि पहुँचाता है ।

३] गुटखा, तम्बाकू, चॅाकलेट्स, खट्टे पदार्थ आदि के सेवन व पान चबाने से दाँतों को हानि पहुँचती है ।

४] सुई अथवा अन्य नुकीली या धारदार वस्तु दाँतों के बीच कभी नहीं घुसानी चाहिए ।

आश्रम व समिति के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध ‘अच्युताय दंतमंजन, दंत सुरक्षा टूथपेस्ट एवं दंत सुरक्षा तेल’ दाँतों को स्वस्थ, सफेद व मजबूत रखते हैं । दाँतों के दर्द, मसूड़ों से होनेवाले रक्तस्राव, मुँह की दुर्गंध व मैल को दूर करते हैं ।
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