आज का हिन्दू पंचांग 24 सितम्बर: मासिक शिवरात्रि आज, जानें समय और राहुकाल
आज का हिन्दू पंचांग 24 सितम्बर: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 24 सितम्बर 2022
दिन – शनिवार
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – शरद
मास – आश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र में भाद्रपद)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – चतुर्दशी 25 सितम्बर प्रातः 03:12 तक तत्पश्चात अमावस्या
नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी 25 सितम्बर प्रातः 05:08 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
योग – साध्य सुबह 09:43 तक तत्पश्चात शुभ
राहु काल – सुबह 09:30 से 11:01 तक
सूर्योदय – 06:29
सूर्यास्त – 06:34
दिशा शूल – पूर्व दिशा में
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:54 से 05:41 तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:08 से 12:56 तक
व्रत पर्व विवरण – मसिक शिवरात्रि, चतुर्दशी का श्राद्ध
विशेष – चतुर्दशी, श्राद्ध और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
मासिक शिवरात्रि : 24 सितम्बर 2022
जिस तिथि का जो स्वामी हो उस तिथि में उसकी आराधना-उपासना करना अतिशय उत्तम होता है । चतुर्दशी के स्वामी भगवान शिव है । अतः उनकी रात्रि में किया जानेवाला यह व्रत ‘शिवरात्रि’ कहलाता है । प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रात्रि में गुरु से प्राप्त हुए मंत्र का जप करें । गुरुप्रदत्त मंत्र न हो तो पंचाक्षर (नमः शिवाय) मंत्र के जप से भगवान शिव को संतुष्ट करें ।*
कर्ज मुक्ति हेतु –
हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते-करते ये 17 मंत्र बोलें ! जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोलें ! इससे कर्जे से मुक्ति मिलेगी…*
1) *ॐ शिवाय नमः
2) *ॐ सर्वात्मने नमः
3) *ॐ त्रिनेत्राय नमः
4) *ॐ हराय नमः
5) *ॐ इन्द्रमुखाय नमः
6) *ॐ श्रीकंठाय नमः
7) *ॐ सद्योजाताय नमः
8) *ॐ वामदेवाय नमः
9) *ॐ अघोरहृदयाय नम:
10) *ॐ तत्पुरुषाय नमः
11) *ॐ ईशानाय नमः
12) *ॐ अनंतधर्माय नमः
13) *ॐ ज्ञानभूताय नमः
14) *ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः
15) *ॐ प्रधानाय नमः
16) *ॐ व्योमात्मने नमः
17) *ॐ व्यूक्तकेशात्मरूपाय नम:
शनिवार के दिन विशेष प्रयोग
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
आर्थिक कष्ट निवारण हेतु
एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
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