Aaj ka Panchang 19 September: गणेश चतुर्थी पर्व आज पंचांग से जानिए शुभ मुहूर्त समय

Aaj ka Panchang 19 September: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 19 सितम्बर 2023*
दिन – मंगलवार*
विक्रम संवत् – 2080*
शक संवत् – 1945*
अयन – दक्षिणायन*
ऋतु – शरद*
मास – भाद्रपद*
पक्ष – शुक्ल*
तिथि – चतुर्थी दोपहर 01:43 तक तत्पश्चात पंचमी*
नक्षत्र – स्वाती दोपहर 01:48 तक तत्पश्चात विशाखा*
योग – वैधृति 20 सितम्बर प्रातः 03:58 तक तत्पश्चात विष्कम्भ*
राहु काल – दोपहर 03:36 से 05:08 तक*
सूर्योदय – 06:27*
सूर्यास्त – 06:40*
दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:53 से 05:40 तक*
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:10 से 12:57 तक*
व्रत पर्व विवरण – गणेश चतुर्थी, शिवा चतुर्थी, मंगलवारी चतुर्थी*
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है । पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है ।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

मंगलवारी चतुर्थी – 19 सितम्बर 2023

 पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 01:43 तक*

जैसे सूर्य ग्रहण को दस लाख गुना फल होता है, वैसे ही मंगलवारी चतुर्थी को होता है । बहुत मुश्किल से ऐसा योग आता है । मत्स्य पुराण, नारद पुराण आदि शास्त्र में इसकी भारी महिमा है ।

इस दिन अगर कोई जप, दान, ध्यान, संयम करता है तो वह दस लाख गुना प्रभावशाली होता है, ऐसा वेदव्यास जी ने कहा है ।

कर्जे से छुटकारा के लिए

मंगलवार चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना । जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है । बिना नमक का भोजन करें, मंगल देव का मानसिक आह्वान करें । चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें । कितना भी कर्जदार हो… काम धंधे से बेरोजगार हो… रोजी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा ।

विघ्न निवारण हेतु

गणेश चतुर्थी के दिन ‘ॐ गं गणपतये नमः ।’ का जप करने और गुड़मिश्रित जल से गणेशजी को स्नान कराने एवं दूर्वा व सिंदूर की आहुति देने से विघ्नों का निवारण होता है तथा मेधाशक्ति बढ़ती है ।*

गणेश चतुर्थी : 19 सितम्बर 2023

गणेश चतुर्थी का व्रत एवं पूजन 19 सितम्बर 2023 को है । ‘इस दिन स्नान, दान, जप और उपवास करने से 100 गुना फल होता है ।’ (भविष्यपुराण)

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी (कलंकी चौथ) को चन्द्रदर्शन करने से मिथ्या दोष लगता है । इस वर्ष दिनांक 18 सितम्बर और 19 सितम्बर – दो दिन चन्द्रदर्शन न करें ।

18 सितम्बर – चन्द्रदर्शन निषिद्ध (चन्द्रोस्त – रात्रि 08:40)*
19 सितम्बर – चन्द्रदर्शन निषिद्ध (चन्द्रोस्त – रात्रि 09:18)*

भूलवश चन्द्रदर्शन हो जाये तो उसका प्रभाव कम करने के लिये -*

इस मंत्र का 21, 51 या 108 बार जप करके पवित्र किया हुआ जल पीयें ।*

*मंत्र:-*
*सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः ।*
*सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः ।।*

अर्थ – ‘सुंदर सलोने कुमार ! इस मणि के लिये सिंह ने प्रसेन को मारा है और जाम्बवान् ने उस सिंह का संहार किया है; अतः तुम रोओ मत । अब इस स्यमन्तक मणि पर तुम्हारा ही अधिकार है ।’*
*(ब्रह्मवैवर्तपुराण)*

श्रीमद् भागवत’ के 10वें स्कंध के 56-57वें अध्याय में दी गयी ‘स्यमंतक मणि की चोरी’ की कथा का आदरपूर्वक पठन-श्रवण करना चाहिए ।

भाद्रपद शुक्ल तृतीया या पंचमी के चन्द्रमा का दर्शन करना चाहिए ।

शिवा चतुर्थी – 19 सितम्बर 2023

भविष्य पुराण के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का नाम ‘शिवा’ है । इस दिन किये गये स्नान, दान, उपवास, जप आदि सत्कर्म 100 गुना हो जाते हैं ।*Accherishtey

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