धर्म

Aaj ka Panchang 21 November: आज कार्तिक नवमी तिथि, जानें मुहूर्त

Aaj ka Panchang 21 November: राहुकाल और शुभमुहूर्त के साथ जानें कैसे लगेगा कार्यस्थल पर मन और उन्नतिकारक कुंजियाँ

दिनांक – 21 नवम्बर 2023*
दिन – मंगलवार*
विक्रम संवत् – 2080*
अयन – दक्षिणायन*
ऋतु – हेमंत*
मास – कार्तिक*
पक्ष – शुक्ल*
तिथि – नवमी रात्रि 01:09 तक तत्पश्चात दशमी*
नक्षत्र – शतभिषा रात्रि 08:01 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद*
योग – व्याघात शाम 05:41 तक तत्पश्चात हर्षण*
राहु काल – दोपहर 03:10 से 04:32 तक*
सूर्योदय – 06:57*
*सूर्यास्त – 05:54*दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:12 से 06:05 तक*
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:00 से 12:52 तक*
व्रत पर्व विवरण – आँवला-अक्षय नवमी, साँईं लीलाशाहजी महाराज महानिर्वाण दिवस, श्री रंग अवधूत महाराज जयन्ती*
*शेष – नवमी को लौकी खाना त्याज्य है ।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

 21 नवम्बर – 2023, अक्षय-आँवला नवमी

*आँवला नवमी के दिन जप, दान, तर्पण आदि का अक्षय पुण्य होता है ।*
इस दिन कपूर या घी के दीपक से आँवला वृक्ष के समीप दीपदान करें तथा निम्न मंत्र बोलते हुए प्रदक्षिणा करें -*
*यानि कानि च पापानि जन्मान्तरक्रतानि च ।*
*तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणे पदे-पदे ।।*
आँवले के वृक्ष के नीचे जप तथा भोजन करें ।*
आँवला नवमी के दिन किया गया जप-ध्यान आदि पुण्यकर्म अक्षय होता है, इस कारण इसको ‘अक्षय नवमी’ भी कहते हैं ।*

 हमारे पूजनीय वृक्ष – आँवला

 आँवला खाने से आयु बढ़ती है । इसका रस पीने से धर्म का संचय होता है और रस को शरीर पर लगाकर स्नान करने से दरिद्रता दूर होकर ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है ।*
 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं ।*
 मृत व्यक्ति की हड्डियाँ आँवले के रस से धोकर किसी भी नदी में प्रवाहित करने से उसकी सद्गति होती है ।*
*(स्कंद पुराण, वैष्णव खंड, का.मा. 12.75)*
 प्रत्येक रविवार, विशेषतः सप्तमी को आँवले का फल त्याग देना चाहिए । शुक्रवार, प्रतिपदा, षष्ठी, नवमी, अमावस्या और सक्रान्ति को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
आँवला सेवन के बाद 2 घंटे तक दूध नहीं पीना चाहिए ।*

अंबाला के औषधीय प्रयोग

१] जिन्हें भोजन में अरुचि हो या भूख कम लगती हो उन्हें भोजन से पहले २ चम्मच आँवला रस में १ चम्मच शहद मिलाकर लेना लाभकारी है ।*
२] नाक, मूत्रमार्ग, गुदामार्ग से रक्तस्राव, योनिमार्ग में जलन व अतिरिक्त रक्तस्राव, पेशाब में जलन, रक्तप्रदर, त्वचा-विकार आदि समस्याओं में आँवला रस अथवा आँवला चूर्ण दिन में दो बार लेना लाभदायी है ।*
३] आँवला रस में ४ चुटकी हल्दी मिलाकर दिन में दो बार लें । यह सभी प्रकार के प्रमेहों में श्रेष्ठ औषधि है ।*
४] अम्लपित्त, सिरदर्द, सिर चकराना, आँखों के सामने अँधेरा छाना, उलटी होना आदि में आँवला रस या चूर्ण मिश्री मिलाकर लेना फायदेमंद है ।*
५] रक्ताप्लता या पीलिया जैसे विकारों में आँवला चूर्ण का दिन में २ बार उपयोग करने से रस-रक्त का पोषण होकर इन विकारों में लाभ होता है ।*
६] आँवला एवं मिश्री का मिश्रण घी के साथ प्रतिदिन सुबह लेने से असमय बालों का सफेद होना व झड़ना बंद हो जाता है तथा सभी ज्ञानेन्द्रियों की कार्यक्षमता बढ़ती है ।*
सेवन- मात्रा : आँवला चूर्ण – २ से ५ ग्राम, आँवला रस – १५ से २० मि.ली.*
ध्यान दें : रविवार व शुक्रवार को आँवले का सेवन वर्जित है ।*

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