पिछले 10 दिनों से दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल -3 बदइंतजामी को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। लंबी कतारों की वजह से कई यात्रियों की फ्लाइट मिस होने के मामले भी सामने आ रहे है।
वहीं इन हालातों को देखते हुए लोकल सर्कल्स ने एक ऑनलाइन सर्वे किया था। इस सर्वे के अनुसार, 31 प्रतिशत यात्रियों का सिक्योरिटी चेक में परेशानियों का सामने करना पड़ सकता है। तो 38 प्रतिशत यात्रियों के अनुसार, एयरपोर्ट पर टैक्सी, पिक-अप, पार्किंग और इंटर टर्मिनल कनेक्टिविटी में दिक्कत आती है।
वर्ल्ड क्लास दिल्ली एयरपोर्ट पर बिगड़ते हालात की मुख्य वजह यहां स्पेस कम होने के बाद भी पीक आवर्स में ज्यादातर 63 फ्लाइट की जगह 73 फ्लाइट तक टेक ऑफ करवाना तक बताया जा रहा है।
जिसके चलते पीक आवर्स में करीबन दो हजार ज्यादा यात्री हो जाते है। जबकि टी-3 इतने यात्रियों के लिए तैयार नहीं है। इसी वजह से सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरप्राइज विजिट के बाद भी टी-3 के डोमेस्टिक और इंटरनैशनल जोन में यात्रियों की कतारे लग रही है।
एयरपोर्ट के हालात इतने बुरे हो गए है कि जयपुर, देहरादून और चंडीगढ़ फ्लाइट की जगह सड़के के रास्ते जल्दी पहुंच सकते है। IGI एयरपोर्ट पर भीड़ कंट्रोल करने के लिए केंद्रिय नागरिक विमानन मंत्रालय ने मंगलवार को सभी एयरलाइंस को चेक इन और बैगेज काउंटरों पर पर्याप्त संख्या में स्टाफ तैनात करने के निर्देश जारी किए गए है।
टी-3 के तमाम एंट्री गेटों के अंदर फ्रिस्किंग बूथ जोन में डिस्पले बोर्ड लगाने का भी काम शुरू कर दिया गया है। इस बोर्ड से यात्रियों को यह पता लग जाएगा कि कौन से एंट्री गेट और बूथ पर कितना टाइम लग रहा है।
उसी को देखकर यात्री भीड़भाड़ वाले गेट या बूथ को छोड़कर दूसरी लाइन में लग सकेंगे। जानकारी के मुताबिक, टी-3 से कुछ फ्लाइटों को टी-1 और टी-2 पर भी शिफ्ट करने की बात कही गई है।
वहीं टी-3 पर यात्रियों की लंबी-लंबी कतारें शुरू हो गई थी। लेकिन ऐसा अचानक नहीं हुआ था। बल्कि दो महीने पहले से ही ये समस्या जारी है।
लेकिन ना तो दिल्ली एयरपोर्ट चलाने वाली कंपनी डायल, ना ही यात्रियों की जांच करने वाली सीआईएसएफ, ना तो तमाम एयरलाइंस और इनसे भी ऊपर एयरलाइंस को टाइमिंग के हिसाब से इनके शेडयूल तय करने वाले डीजीसीए ने इस पर ध्यान देकर दिक्कत दूर करने की कोशिश की।
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