Kargil Vijay Diwas: वीरता और गौरव की मिसाल
यह दिन है उन शहीदों को याद कर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पण करने का, जो हंसते-हंसते मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए.

सन 1947 में भारत आजाद तो हो गया था, लेकिन यह आजादी एक कीमत पर मिली थी, पाकिस्तान तो हिन्दुस्तान से अलग हो गया लेकिन कई सालों तक पाकिस्तान ने “कश्मीर” को छीनने की कई कोशिश की लेकिन 1999 में उसे ऐसी मार खानी पड़ी कि उसने दुबारा कभी भारत पर हमला करने कि हिम्मत नहीं कि. कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक महत्वपूर्ण युद्ध माना जाता है जो भारतीय सैनिकों की वीरता के लिए हमेशा याद रहेगा.
भारतीय सेना ने 26 जुलाई, 1999 को कश्मीर के कारगिल जिले में पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा कब्जा की गई ऊंची रक्षा चौकियों पर काबू पाने में सफलता हासिल की थी. इसके लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय चलाया था. भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध मई 1999 में शुरू होकर दो महीने तक चला था, जिसमें भारत ने अपने 500 से ज्यादा जांबाज सैनिक खो दिए थे. ऑपरेशन विजय की सफलता के बाद इस दिन को विजय दिवस का नाम दिया गया.
कारगिल विजय दिवस: कारगिल युद्ध में हमारे करीब 500 से ज्यादा वीर योद्धा शहीद हुए थे और 1300 से ज्यादा घायल हुए थे .इनमें से ज्यादातर नौजवान थे. इन शहीदों ने भारतीय सेना की शौर्य व बलिदान की उस सर्वोच्च परम्परा का निर्वाह किया, जिसकी सौगन्ध हर सिपाही तिरंगे के समक्ष लेता है.
क्यूं मनाते हैं कारगिल विजय दिवस: यह दिन है उन शहीदों को याद कर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पण करने का, जो हंसते-हंसते मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. यह दिन उन महान और वीर सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने अपना आज हमारे आने वाले सुखद कल के लिए बलिदान कर दिया.
ये भी पढ़े: जंतर मंतर किसान संसद: आज महिलाएं संभालेंगी किसान आंदोलन की कमान