कोर्ट ने दी आरोपी को दिन में पांच बार नमाज पढ़ने की सजा, चर्चा का विषय बना फैसला

आरोपी को कुल 21 दिनों तक हर दिन कुल दो पेड़ लगाने और साथ ही दिन में कुल पांच बार नमाज पढ़ने का आदेश दिया है। बता दे की मारपीट के आरोप में...

महाराष्ट्र के नासिक जिले न्यायालय का इन दिनों एक अनोखा फैसला पुरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। मारपीट के एक आरोपी को न्यायालय ने जेल भेजने की बजाय उसको ऐसी सजा दी, जिसे सुनकर लोग हैरान हो गए। न्यायालय ने आरोपी को कुल 21 दिनों तक हर दिन कुल दो पेड़ लगाने और साथ ही दिन में कुल पांच बार नमाज पढ़ने का आदेश दिया है। बता दे की मारपीट के आरोप में दोषी पाया गया आरोपी मुस्लिम है। यही वजह है कि उसे दिन में कुल पांच बार नमाज पढ़ने के लिए भी कहा गया है।

तेजवंत सिंह संधू नामक मजिस्ट्रेट ने 27 फरवरी को पारित आदेश में बताया कि प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट के प्रावधानों में एक जज को यह अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी दोषी को चेतावनी या फिर उचित चेतावनी देकर उसको रिहा कर सकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अपराधी अपराध नहीं दोहराता है। न्यायालय ने कहा कि मौजूदा मामले में सिर्फ चेतावनी ही बहुत नहीं होगी और यह जरुरी है कि दोषी अपनी दोषसिद्धि को याद रखे ताकि वह इसे फिर कभी न दोहराए।

न्यायालय के आदेश में कहा गया है, ‘मेरे मुताबिक, आरोपी को उचित चेतावनी देने का मतलब यह समझना है कि अपराधी द्वारा अपराध किया गया था और साथ ही आरोपी दोषी साबित हो चूका है और वह इसे हमेशा याद रखे ताकि वह फिर से कभी भी अपराध न दोहराए।’ 30 वर्ष के रऊफ खान नामक आरोपी पर वर्ष 2010 के एक मामले में एक शख्स पर कथित तौर पर हमला करने और साथ ही सड़क दुर्घटना के विवाद में शख्स को चोट पहुंचाने का आरोप लगा था। इस मामले में न्यायालय ने उसको दोषी ठहराया।

सुनवाई के वक्त खान ने कहा था कि वह कभी भी नियमित नमाज नहीं पढ़ते हैं। इसे देखते हुए न्यायालय ने उन्हें 28 फरवरी से शुरू होकर कुल 21 दिनों तक दिन में कुल पांच बार नमाज पढ़ने के लिए कहा और साथ ही सोनापुरा मस्जिद परिसर में दो पेड़ लगाने और आरोपी को पेड़ों की देखभाल करने का आदेश दिया गया।

ये भी पढ़े: कलयुगी मां ने नवजात के भ्रूण को सड़क पर फेंका, नोचते रहे जानवर, जांच में जुटी पुलिस

Exit mobile version