
कहते हैं कि भगवान सभी की हर जगह रक्षा नहीं कर सकता, इसलिए भगवान ने ‘मां’ को बनाकर भेजा है। मां सभी दुखों व कष्टों से लड़कर भी अपने बच्चे की रक्षा करती है। मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल से लगे गांव रोहनिया ज्वालामुखी में 15 महीने के मासूम बेटे को बाघ ने अपने जबड़ों में भर लिया था और फिर बच्चे को ले जाने लगा।
लेकिन उस बच्चे की मां नहीं मानी और बाघ के सामने अड़ गई और उसने बाघ के जबड़े से अपने 15 महीने के मासूम बच्चे को बचा लिया। फिलहाल दोनों का इलाज चल रहा है। दोनों की स्थिति अभी खतरे से बाहर है। बता दें कि इस घटना में 15 महीने के मासूम बच्चे के साथ मां भी बुरी तरह से घायल हो गई है।
मां और बच्चे के इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में भर्ती कराया गया है। यह घटना रविवार सुबह करीब 11 बजे की है। इस घटना के बाद रोहनिया गांव में सनसनी फैल गई और लोग इकठा हो गए।
घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, उमरिया जिले के मानपुर थानांतर्गत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बसे ग्राम रोहनिया में सुबह-सुबह सब कुछ सही था। सब ग्रामीण अपने काम में मस्त थे लेकिन इसी दौरान करीब 10 बजे भोला प्रसाद के घर के पीछे झाड़ियों में छिपे बाघ ने अचानक हमला कर 15 महीने के बच्चे राजबीर को अपने जबड़े में जकड़ लिया और फिर बच्चे को ले जाने लगा।
ये देखकर वहीं मौजूद बच्चे की मां अर्चना ने जान की परवाह नहीं करि और अपनी जान की परवाह किए बिना बाघ से भिड़ गई। बाघ ने बच्चे को छोड़कर अर्चना पर हमला कर दिया। बाघ अपने दांत से अर्चना के शरीर को नोंचता रहा लेकिन बावजूद इसके मर्दानी मां बाघ से भिड़ती रही। अंततः मां की ममता के आगे बाघ का जबड़ा कमजोर पड़ गया और बाघ मां की ममता के आगे हार मानेत हुए भाग निकला।
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