अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद शुरू हुआ महिलाओं पर अत्याचार
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में इन दिनों हालात बद से बदतर है। जहां तालिबानियों का कहर सर चढ़ के बोल रहा है

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में इन दिनों हालात बद से बदतर है। जहां तालिबानियों का कहर सर चढ़ के बोल रहा है। वहां के हालात इतने ख़राब है कि लोग अफगानिस्तान को छोड़ने पर मजबूर है। वहीं अब तालिबानियों ने अपने रंग दिखाना शुरू कर दिए हैं।
जी हाँ अफगानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद शरीयत कानून लागू किया गया. जिसके तहत महिला न्यूज़ एंकरों को बैन कर दिया गया और कहा कि सिर्फ शरीयत कानून के तहत ही महिलाओं को काम करने की अनुमति देंगे।
बता दें कि अफ़ग़ानिस्तान की सरकारी न्यूज़ चैनल की महिला न्यूज़ एंकर ‘खदीजा अमीना’ को तालिबान ने फ़ौरन नौकरी से निकाल दिया है। जिसके तहत अब फ़िलहाल तालिबानी न्यूज़ एंकर टीवी पर न्यूज़ पढ़ेंगे।
खबर के मुताबिक, अफगान न्यूज़ एंकर खदीजा अमीना को न्यूज़ चैनल की नौकरी से तालिबानियों द्वारा बर्खास्त करने के बाद खदीजा ने कहा- ‘मैं क्या करूंगी, अगली पीढ़ी के पास काम करने को कुछ नहीं होगा, जितना कुछ पिछले 20 साल में हासिल किया, सब चला जाएगा। इसी के साथ जानकारी के मुताबिक, खदीजा अमीना ने अपने बयान में यह भी कहा कि तालिबान बिल्कुल नहीं बदले हैं।
सूत्रों के अनुसार, 20 साल पहले जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किया था और सत्ता को अपने हाथ में लिया था तो उस समय महिलाओं को घर की मर्यादा में सीमित कर दिया गया था। इतना ही नहीं उस समय भी महिलाओं के जीवन और अधिकारों पर तालिबान द्वारा तमाम तरीके की कड़ी पाबंदियां लगाई गई थी।
बहरहाल एक बार फिर तालिबान ने सत्ता में एंट्री की है और इस समय सबसे बड़ी चिंता की बात अफगानी महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की बनी हुई है।
ये भी पढ़े: दिल्ली के ड्राई फ्रूट मार्किट पर दिखा अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े का असर