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क्या यूरोप की तरफ खिसक रहा भारत, नया नक्शा देख वैज्ञानिकों के उड़े होश

एक अध्ययन के अनुसार tectonic plates से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है। इसके तहत भारत अब यूरोप की तरफ खिसक रहा है

धरती के अंदर बहुत सी प्लेट्स होती हैं और समय के साथ जमीन के भीतर मौजूद tectonic plates (टेक्टोनिक प्लेटस) खिसक रही हैं जिससे धरती की ऊपरी परत में भी बदलाव हो रहे हैं कभी-कभी जब ये टेक्टोनिक प्लेटस खिसकती हैं, तो उसकी वजह से ही भूकंप और सुनामी आती है। इन बदलावों का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों ने एक नया नक्शा बनाया है। इस नए अध्ययन के अनुसार भारत यूरोप की तरफ खिसकता हुआ नजर आ रहा है। इस नक़्शे का उपयोग धरती के अंदर होने वाली प्राकृतिक घटनाओं को समझने के लिए किया जाएगा, लेकिन प्रारंभिक स्टडी में ही इसमें कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं जिसे देख वैज्ञानिक हैरान हैं। ये अध्ययन Australia के University of Adelaide में डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ साइंसेस के लेक्चरर Dr. Derrick Hasterok और उनके सहयोगियों ने की है।

दरअसल डॉ. डेरिक हैस्टरॉक (Dr. Derrick Hasterok) अपने साथियों के साथ पृथ्वी की बनावट में हो रहे परिवर्तन का अध्ययन कर रहे हैं। टीम के हेड डॉक्टर डेरिक हेस्टरोक ने कहा, “हमने प्लेटों की बॉउन्ड्री जोन और पुराने महाद्वीपीय क्रस्ट के ढांचे के निर्माण की तुलना की और उनका अध्ययन भी किया। ये टेक्टोनिक प्लेटें हर बार पहेली की तरह जुड़ती और टूटती रहती हैं और नए नक्शे का निर्माण करती हैं। जिसमे यह पता चला कि सभी महाद्वीप जिगशॉ पजल (संरचनाओं को जोड़ने वाला खेल) की तरह जुड़े हुए हैं। ”

 यूरोप की तरफ खिसक रहा भारत

नए नक्शे में 2 चीजें सामने आई हैं पहला ये कि Indian plate और Australian plate के बीच कई Microplates (माइक्रोप्लेट्स) हैं जिसमें Macquarie (मैक्वेरी) माइक्रोप्लेट जोकि साउथ तस्मानिया में स्थित हैं, और Capricorn (कैप्रीकॉर्न) माइक्रोप्लेटस हैं। ये प्लेटस इंडियन प्लेट और ऑस्ट्रेलियन प्लेट को अलग करती हैं। दूसरा ये कि भारत के उत्तर में डिफ़ॉर्मेशन जोन बन रहे हैं क्योंकि इंडियन प्लेटस Eurasia (यूरेशिया) में अपना रास्ता बना रही हैं जिसका मतलब यह है की भारत यूरोप की तरफ खिसक रहा है। डॉ. डेरिक हैस्टरॉक ने बताया कि टेकटॉनिक प्लेटस की बौंड़री जोन धरती के क्रस्ट का 16 फीसदी हिस्सा कवर करती है जबकि महाड़वेप 27 फीसदी हिस्सा कवर करते हैं।

3 नए जियोलॉजिकल मॉडल बनाए

डॉक्टर डेरिक हैस्टरॉक के मुताबिक उन्होंने अपनी स्टडी में तीन नए जियोलॉजिकल (Geological) मॉडल्स बनाए हैं जिसमें पहला मॉडल प्लेट से जुड़ा है, दूसरा प्रोविंस मॉडल है तो तीसरा ओरोगेनी मॉडल है इन तीनो मॉडल्स में सबसे ज्यादा खास ओरोगेनी मॉडल है, जिसमें पहाड़ों के बनने की प्रक्रिया शामिल है। डॉ. डेरिक ने कहा कि इसमें 26 ओरोगेनीस हैं, जो क्रस्ट (भूपर्पटी) के मूवमेंट या फिर प्लेटों के टकराने से बनी है।

2003 के बाद से नहीं अपडेट हुआ नक्शा

डॉक्टर ने आगे कहा कि टेक्टोनिक प्लेटों का नक्शा भूकंपीय गतिविधियों पर बना था, लेकिन उसे 2003 के बाद अपडेट नहीं किया गया। अब उन्होंने जो नया नक्शा बनाया है, जिस नक़्शे में उन्होंने माइक्रोप्लेट्स को भी शामिल किया है। इस नक्शे के अध्ययन के बाद उनको सबसे ज्यादा बदलाव पश्चिमी-उत्तर America (अमेरिका) के प्लेट्स में देखने को मिला है। इसके बाद मध्य एशिया में भी बदलवा मिला। भूवैज्ञानिकों को भारत के उत्तर में एक Deformation zone (डिफॉर्मेशन जोन) देखने को मिला, लेकिन वो ये नहीं बता पाए कि भारत के लगातार खिसकने का क्या प्रभाव पड़ेगा?

ये पूरा अध्ययन अर्थ-साइंस (earth-science ) रिव्यू जर्नल में प्रकाशित की गई है। डॉक्टर डेरिक ने आगे जानकारी दी कि नए टेकटॉनिक पलटेस पिछले दो मिलियन वर्षों के 90 प्रतिशत भूकंपों और 80 प्रतिशत ज्वालामुखियों के स्थानिक वितरण की बेहतर जानकारी देता है।

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Yash Hasani

यश हासानी तेज़ तर्रार न्यूज़ में बतौर पत्रकार कार्य कर रहे है और इनका मानना है कि एक पत्रकार समाज के लोगो से बात कर उनकी बात को सबके सामने रखता है

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